एनसीएल के पोल्ट्री फॉर्मिंग प्रोजेक्ट से जुड़ी 500 ग्रामीण आदिवासी महिलाएं
सिगरौली।वित्तीय वर्ष 2018-19 में किया लगभग 10 करोड़ रुपए का कारोबार, कमाया लगभग 1 करोड़ रुपए का शुद्ध मुनाफा
स्थानीय आदिवासी महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की नॉर्दर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (एनसीएल) की पिछले 04 वर्षों की जिद सुखद रंग लाई है। कंपनी की निगमित सामाजिक दायित्व (सीएसआर) योजना के तहत सिंगरौली जिला प्रशासन के सहयोग से चलाए जा रहे पोल्ट्री फॉर्मिंग प्रोजेक्ट से अब 500 आदिवासी महिलाएं जुड़ चुकी हैं। इन महिलाओं ने वित्तीय वर्ष 2018-19 के दौरान सम्मिलित रूप से लगभग 10 करोड़ रुपए का कारोबार किया और लगभग 1 करोड़ रुपए का शुद्ध मुनाफा कमाया।
बुधवार को एनसीएल मुख्यालय में इस प्रोजेक्ट के तहत संचालित होने वाली ‘सिंगरौली वूमन स्मॉल होल्डर्स पोल्ट्री प्रोड्यूसर्स कंपनी लिमिटेड’ की वार्षिक साधारण सभा में कंपनी की इन उपलब्धियों की घोषणा की गई। सिंगरौली जिले के कलेक्टर श्री के॰ वी॰ चौधरी, सिंगरौली जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी (सीईओ) श्री ऋतुराज और एनसीएल के महाप्रबंधक (सीएसआर) श्री आत्मेश्वर पाठक ने आम सभा में अपनी गरिमामयी उपस्थिति से आदिवासी महिलाओं की हौसला अफजाई की।
सिंगरौली जिले के कलेक्टर श्री के॰ वी॰ एस॰ चौधरी ने बड़ी संख्या में ग्रामीण आदिवासी महिलाओं को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर एवं सशक्त बनाने में सहयोग देने के लिए एनसीएल का आभार जताया। साथ ही, उन्होंने इस प्रोजेक्ट से जुड़ी महिलाओं को महिला सशक्तिकरण की शानदार मिसाल बताते हुए उन्हें अपने कारोबार को और भी विस्तार देने के प्रति प्रोत्साहित किया।
जिला पंचायत सीईओ श्री ऋतुराज ने सभी महिलाओं को उनकी शानदार सफलता की बधाई दी और उनकी आगामी योजनाओं की सफलता की कामना की।
एनसीएल के महाप्रबंधक (सीएसआर) श्री आत्मेश्वर पाठक ने कहा कि बड़ी संख्या में आदिवासी महिलाओं को एक सफल कंपनी का संचालन करने में सक्षम बनाने में योगदान देकर एनसीएल गौरवान्वित है। साथ ही, उन्होंने इस कार्यक्रम से और भी आदिवासी महिलाओं को जोड़ने तथा उनके मुर्गीपालन में सहायक और भी सुविधाएं देने में एनसीएल की ओर से हरसंभव सहयोग देने का आश्वासन दिया।
आदिवासी महिलाएं स्वयं चला रही हैं मुर्गी पालन कंपनी
इस कार्यक्रम के तहत ‘सिंगरौली वूमन स्मॉल होल्डर्स पोल्ट्री प्रोड्यूसर्स कंपनी लिमिटेड’ नाम की कंपनी बनाकर सिंगरौली जिले में पोल्ट्री फॉर्म की इकाइयां स्थापित की गई हैं। प्रत्येक इकाई एक आदिवासी महिला और उसके परिवार से संबद्ध है। ये आदिवासी महिलाएं ही इस कंपनी का स्वयं संचालन कर रही हैं। सिंगरौली जिला प्रशासन के सहयोग से चलाए जा रहे इस कार्यक्रम से अभी तक 500 आदिवासी महिलाओं को जोड़ा गया है और 250 अन्य आदिवासी महिलाओं को इस कार्यक्रम से जोड़ने की योजना है।
कार्यक्रम के तहत हर आदिवासी महिला को एक पोल्ट्री फॉर्म बनाकर निःशुल्क दिया गया है। साथ ही, मुर्गीपालन से संबंधित उपकरण और आवश्यक प्रशिक्षण भी मुफ्त दिया जाता है। इस कार्यक्रम के शुरू होने से इससे जुड़ी आदिवासी महिलाओं और उनके परिजनों के जीवन में व्यापक सकारात्मक परिवर्तन आए हैं। आदिवासी महिलाओं को सशक्त एवं आर्थिक रूप से स्वावलंबी बनाने के एनसीएल के इस प्रयास को चौतरफा सराहना मिली है और इस कार्यक्रम के सफल कार्यान्वयन के लिए एनसीएल को अभी तक 03 प्रतिष्ठित सीएसआर पुरस्कार भी मिल चुके हैं।