दवा का हो छिडकाव, सचल चिकित्सा दल लगाएं गांवों में कैम्प
स्वराज अभियान ने डीएम को पत्र भेज उठाई मांग
28 सितम्बर के सम्मेलन में उठेगा बेहतर स्वास्थ्य व्यवस्था का सवाल
सोनभद्र, 20 सितम्बर, 2019, इस समय जिले में भयंकर बीमारी का प्रकोप फैला हुआ है। गांवों में मलेरिया, टाइफायड, हैजा जैसी बीमारियों से काफी बड़ी संख्या में ग्रामीण ग्रसित है। हालत इतनी बुरी है कि गांवों में कई वर्षो से मच्छररोधी दवाओं का छिडकाव नहीं हुआ है। आज भी लोग उद्योगों से नदियों और बांधों में डाली जा रही गंदगी से जहरीले हुए पानी और चुआड़, नालों के पानी को पीने के लिए मजबूर है और असमय अपनी जान दे रहे है। इसलिए जनपद में छाई महामारी की स्थिति पर जिला प्रशासन को तत्काल मेडिकल बुलेटिन जारी करनी चाहिए और ग्रामीणों की जीवन रक्षा के लिए गांव में दवा का छिडकाव कराने, सचल चिकित्सा दल द्वारा मेडिकल कैम्प लगाने और दो-तीन गांव का कलस्टर बनाकर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने की कार्यवाही करनी चाहिए। यह मांग आज स्वराज अभियान की राज्य समिति सदस्य दिनकर कपूर ने जिलाधिकारी को भेजे अपने पत्र में की।
उन्होंने पत्र में लिखा कि देश के पंद्रह और प्रदेश के पांच सर्वाधिक पिछड़े जिलों में शामिल आदिवासी-दलित बाहुल्य सोनभद्र जनपद में स्वास्थ्य व्यवस्था का हाल बेहद बुरा है। आमतौर पर ब्लाकस्तर पर मौजूद सरकारी स्वास्थ्य केन्द्रों पर समुचित इलाज की व्यवस्था नहीं है, म्योरपुर व बभनी जैसे सरकारी अस्पतालों में टाइफाइड की जांच तक की सुविधा नहीं है। प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों का हाल तो और भी बुरा है यहां पर डाक्टर ही नहीं रहते है। विगत वर्ष बभनी ब्लाक के सतवहनी गांव में हुई दर्जनों मौतों पर स्वराज अभियान के राष्ट्रीय नेता अखिलेन्द्र प्रताप सिंह ने दौरा कर खुद देखा था कि वहां के स्वास्थ्य केन्द्र पर डाक्टर नहीं है और बभनी के सरकारी अस्पताल में इलाज की व्यवस्था नहीं है। देश के अत्यधिक मलेरिया प्रभावित क्षेत्रों में शामिल सोनभद्र जनपद में कई वर्षो से ग्रामीण क्षेत्रों में दवा का छिडकाव तक नहीं हो रहा है। कुल मिलाकर स्थिति इतनी भयावह है कि कभी भी बड़ी संख्या में ग्रामीणों की मौतें हो सकती है। इसलिए ग्रामीणों की जीवन रक्षा के लिए जिला प्रशासन व सरकार को पहल करनी चाहिए।