छत्तीसगढ
बीजापुर (छत्तीसगढ़़)।बस्तर में आईजी विवेकानंद सिन्हा के मार्गदर्शन में चलाए जा रहे नक्सल उन्मूलन अभियान से प्रभावित होकर छह इनामी नक्सलियों ने आज बुधवार 11 सितम्बर को आत्मसमर्पण किया है। इनमें से एक नक्सलियों का प्लाटून कमांडर और एक डिप्टी कमांडर सहित दो महिला नक्सली शामिल हैं। इन नक्सलियों पर कुछ 19 लाख रुपये का इनाम सरकार ने घोषित किया था। यह नक्सली बीजापुर जिले के फरसेगढ़ और नेलसनार क्षेत्र में सक्रिय थे।
इस बारे में जानकारी देते हुए बीजापुर जिले के पुलिस अधीक्षक दिव्यांग पटेल ने बताया कि जिले में नक्सलियों को समाज की मुख्यधारा में शामिल होने के लिए लगातार प्रोत्साहित किया जा रहा है। इसी क्रम में माड़ डिवीजन में नक्सलियों की कंपनी नंबर 1 के प्लाटून कमांडर दिलीप वड्डे उर्फ चिन्ना ने एके 47 रायफल के साथ थाने पहुंच कर आत्मसमर्पण किया उस पर शासन की ओर से आठ लाख रुपये का इनाम घोषित था।
दिलीप उर्फ चिन्ना साल 2003 से नक्सल संगठन में सक्रिय था और गीदम थाने में लूटपाट, कोरापुट ओडिशा में पुलिस लाइन में लूटपाट, जिला नारायणपुर के धौड़ाई थाने में लूट की घटना, पुलिस पार्टी पर अलग-अलग जगह एंबूश लगाकर हमला करने जैसी घटनाओं में वह शामिल था. उसके अलावा मड़कम बंडी उर्फ बण्डू भी माड़ डिविजन में सक्रिय था, जिसने एसएलआर रायफल के साथ आत्मसमर्पण किया. वह नक्सल संगठन में डिप्टी कमांडर के ओहदे पर काम कर रहा था और उसपर शासन की ओर से आठ लाख रुपये का इनाम घोषित था.
वह साल 2010 से नक्सल संगठन में सक्रिय था और देशी रॉकेट लांचर में विशेषज्ञ है. बीजापुर और नारायणपुर जिले के अलग-अलग थानों में उसके नाम पर कई अपराध दर्ज हैं. इनके साथ ही सनकी वड्डे उर्फ सुजाता, बुदरी उसेण्डी उर्फ गुड्डी, महेश वासम और विनोद मेट्टा नामके नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है. सनकी पर दो लाख और बुदरी पर एक लाख रुपये का इनाम शासन ने घोषित किया है.
नक्सली दंपत्तियों की जबरन कराई गई थी नसबंदी
आत्मसर्पण करने वाले नक्सलियों में से दो विवाहित जोड़े हैं. उन्होंने बताया कि नक्सलियों द्वारा जबरन उनकी नसबंदी करा दी गई थी. इसके अलावा उनके खोखले सिद्धांत और शोषणकारी नीति से परेशान होकर उन्होंने आत्मसमर्पण का निर्णय लिया. आत्मसमर्पण करने वाले सभी नक्सलियों को शासन की ओर से 10-10 हजार रुपये की तत्काल सहायता राशि उपलब्ध कराई गई है. पुलिस अधीक्षक ने बताया कि आत्मसर्मण करने वाले सभी नक्सलियों को शासन की पुनर्वास नीति का लाभ दिया जाएगा