कृषको को आत्मनिर्भर बनाने के लिये हर सम्भव प्रयास-डीएम

सोनभद्र/दिनांक 28 अगस्त,2019। जिलाधिकारी एस0 राजलिंगम ने जानकारी देते हुए बताया कि लघु सिंचाई संसाधनों के माध्यम से किसानों के हर खेत, हर फसल को सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराने के लिए निजी नलकूपों की स्थापना कराते हुए प्रदेश सरकार किसानों के फसलोत्पादन में वृद्धि कर उन्हें आत्मनिर्भर बना रही है। प्रदेश सरकार द्वारा कृषकों को निजी लघु सिंचाई हेतु नलकूपों की स्थापना के लिए अनुदान तथा तकनीकी दिशा-निर्देशन भी दिया जाता है। प्रदेश में संचालित लघु सिंचाई कार्यक्रम विश्व में किसी एक विभाग द्वारा संचालित किये जाने वाला सबसे बड़ा कार्यक्रम है। इस कार्यक्रम का प्रदेश के सिंचन क्षेत्र में बहुत बड़ा योगदान है। यह कार्यक्रम कृषकों के सहयोग से उनके सिंचाई साधनों की आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु संचालित किया जाता है। प्रदेश के भौगोलिक भू-भागों के आधार पर यह सिंचाई कार्यक्रम लागू है। प्रदेश के मैदानी भागों में सामान्यतः भूमि तल से 30 मीटर की गहराई तक उथली बोरिंग, 31 से 60 मी0 तक मध्यम एवं 61 मी0 से 90 मी0 तक गहराई पर पानी होने की दशा में गहरी बोरिंग किसानों की मांग के क्रम में नियमानुसार कराई जाती है। प्रदेश के पठारी क्षेत्रों में ब्लास्टवेल, हैवीरिंग बोरिंग, गहरे नलकूप इनवेलरिंग द्वारा कूप बोरिंग चैकडैम, बन्धी आदि के माध्यम से किसानों को सिंचाई सुविधा प्रदान कराई जा रही है।प्रदेश सरकार लघु सिंचाई विभाग द्वारा संचालित निःशुल्क बोरिंग/उथले नलकूप योजनान्तर्गत लघु/सीमान्त श्रेणी के कृषकों के यहां उथले नलकूपों का निर्माण कराकर सिंचाई की सुविधा उपलब्ध कराती है, जिसके अन्तर्गत लघु श्रेणी के कृषक को बोरिंग पर 05 हजार रूपये एवं पम्पसेट पर 45 सौ रूपये का अनुदान दिया जाता है। सामान्य सीमान्त श्रेणी के लाभार्थी को बोरिंग पर 07 हजार रूपये का अनुदान एवं पम्पसेट पर 06 हजार का अनुदान दिया जाता है। अनुसूचित जाति के लाभार्थी को 10 हजार का अनुदान बोरिंग पर एवं 09़ हजार रूपये का अनुदान पम्पसेट पर दिया जाता है। चालू वर्ष में 114792 किसानों के खेतों पर निःशुल्क बोरिंग कराये जा रहे हैं।मध्यम गहरी बोरिंग योजनान्तर्गत सभी श्रेणी के किसान पात्र हैं इस बोरिंग में 31 से 60 मी0 गहराई की बोरिंग की जाती है। नलकूप पर 0.85 लाख रूपये का अनुदान व विद्युतीकरण मद में 0.68 लाख कुल 1.53 लाख रूपये का अनुदान प्रदेश सरकार देती है। वित्तीय वर्ष 2019-20 कुल लक्ष्य 4605 किसानों के खेतों पर बोरिंग करायी जा रही है।पानी का तल नीचे होने पर गहरी बोरिंग करायी जाती है। गहरी बोरिंग योजनान्तर्गत सभी श्रेणी के कृषक पात्र हैं। इस बोरिंग में 61 से 90 मी0 गहराई की बोरिंग की जाती है। नलकूप पर 1.1 लाख रूपये व विद्युतीकरण हेतु 0.68 लाख रूपये कुल 1.78 लाख रूपये का अनुदान दिया जाता है। वर्ष 2019-20 में कुल 1690 बोरिंग करायी जा रही है।सामूहिक नलकूप (सामान्य) योजनान्तर्गत समूह का गठन कर 61 से 90 मी0 की गहराई तक बोरिंग, पम्पसेट स्थापना व पम्प हाउस निर्माण किया जाता है जिसमें न्यूनतम 10 कृषकों के समूह का गठन किया जाता है। समूह की भूमि 10 हे0 होना आवश्यक है, जिसमें कुल 3.92 लाख रूपये (विद्युतीकरण 0.68 लाख रूपये) सहित अनुदान देय है। समूह के गठन में अनुसूचित जाति/जनजाति/अन्य पिछड़ा जाति/अल्पसंख्यक/गरीबी रेखा के नीचे/अन्य वर्ग के कृषकों को वरीयता दी जाती है। इस योजना में लघु एवं सीमान्त कृषकों के सदस्यों की जोत समूह के सदस्यों की कुल जोत के 25 प्रतिशत से अधिक होगी। वित्तीय वर्ष 2019-20 कुल लक्ष्य 100 समूह नलकूपों की बोरिंग करायी जा रही है। अनुसूचित जाति/जनजाति के बाहुल्य कृषि क्षेत्र में भी विद्युत सहित 05 लाख रूप्ये अनुदान देते हुए गठित समूह को भी नलकूप स्थापना हेतु बोरिंग करायी जाती है। प्रदेश सरकार द्वारा भूजल संवर्द्धन एवं वर्षा के ऐसे समय जब पानी की कमी होती है, में पानी की उपलब्धता सुनिश्चित करने हेतु बरसाती नालों पर चेकडैम का निर्माण कराया जाता है इन चेकडैमों के निर्माण से चेकडैम के दौनों ओर के कृषकों को लाभ प्राप्त होता है। इस वर्ष कुल 152 चेकडैम का निर्माण कराया जा रहा है।वर्षा जल संचयन एवं भूजल संवर्द्धन योजना के अन्तर्गत राज्य भूजल संरक्षण मिशन के अन्तर्गत चयनित विकास खण्डों में वर्ष 2019-20 में 47.60 करोड़ रूपये से 116 तालाबों का चयन कर जीर्णोद्धार/निर्माण का कार्य प्रारम्भ किया गया है।

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