प्रधानमंत्री से न्याय की गुहार की भनक पाते ही प्रशासन गम्भीर
राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री समेत कई अधिकारियों को लिखा है पत्र
लखनऊ।- यूपी के गोण्डा जिले में अपनी बैनामा शुदा जमीन पर विगत एक दशक से कब्जा न पाने तथा आगजनी के एक फर्जी मुकदमे में फंसाए जाने से आहत एक व्यक्ति ने सपरिवार सामूहिक आत्म हत्या करने की घोषणा की है। देश के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, मुख्य न्यायाधीश, मानवाधिकार आयोग, राज्यपाल, मुख्यमंत्री समेत गोंडा मण्डल व जिले के वरिष्ठ अधिकारियों को लिखे पत्र में उसने हर तरफ से निराश होकर यह कदम उठाने की बात कही है। जिलाधिकारी ने प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए एसपी व एसडीएम को पत्र लिखकर मामले का अविलम्ब निराकरण कराकर कृत कार्रवाई से अवगत कराने को कहा है।
मामला खरगूपुर थाना क्षेत्र के भटपी गांव का है। कुलदीप पुत्र शिव प्रसाद ने राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, गृहमंत्री, भारत के मुख्य न्यायाधीश, राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष, राज्यपाल, मुख्यमंत्री, प्रमुख सचिव गृह, पुलिस महानिदेशक, आयुक्त, डीआईजी रेंज, डीएम व एसपी को पंजीकृत डाक से भेजे पत्र में कहा है कि उसकी मां श्रीमती मालती देवी के नाम एक किता आराजी वर्ष 2009 में शिव दयाल पुत्र रामराज से बैनामा ली गई थी। जमीन की दाखिल खारिज होने से पहले से विक्रेता शिव दयाल के सगे भाई स्वामी दयाल ने आराजी का बंटवारा न होने की बात कहते हुए न्यायालय में बंटवारे का एक मुकदमा दायर कर दिया तथा तहसीलदार सदर गोण्डा के न्यायालय पर एक आपत्ति प्रस्तुत कर दिया, जिससे जमीन का दाखिल खारिज रुक गया। वर्ष 2014 में बंटवारे के मुकदमे का फैसला हो जाने पर जमीन का दाखिल खारिज हो गया और सम्पत्ति राजस्व अभिलेखों में मेरी मां श्रीमती मालती देवी के नाम दर्ज हो गई। इसी बीच क्रय की गई जमीन के एक कोने में दबंगई के बदौलत स्वामी दयाल ने छप्पर रख लिया। वे बंटवारे का मुकदमा हार जाने तथा राजस्व अभिलेखों में सम्पत्ति मेरी मां के नाम होने के बावजूद दबंगई के बदौलत पिछले 10 वर्षों से मुझे अपनी जमीन पर कब्जा नहीं करने दे रहे हैं। इन वर्षों में हम अधिकारियों के दरवाजे खटखटाते हुए थक गए, किन्तु विपक्षी महिला के चलते हमारी कहीं से सुनवाई नहीं हुई।
पत्र के मुताबिक, बिगत 15 जून 2019 को विपक्षी की पत्नी श्रीमती राजवंती ने अवैध रूप से कब्जा करके रखे गए गैर आवासीय छप्पर में माचिस से स्वयं आग लगा दिया तथा मेरे पिता, दो भाइयों समेत परिवार के चार व्यक्तियों के खिलाफ खरगूपुर थाने में मुकदमा अपराध संख्या 123/2019 अन्तर्गत धारा 323,436,504 भादवि. दर्ज करवा दिया। इसमें मेरे निर्दाेष पिता करीब डेढ़ माह तक जेल में रहे। हमने इस आगजनी की घटना के प्रत्यक्ष दर्शी रहे 10 गवाहों के फोटोयुक्त नोटरीशुदा शपथ पत्र भी बीते 24 जून 2019 को पुलिस अधीक्षक को दिया था, किन्तु उस महिला के दबंगई के कारण सच्चाई से वाकिफ होने के बावजूद पुलिस अधिकारियों द्वारा मेरी समुचित मदद नहीं की जा रही है। पत्र में कहा गया है कि यदि 14 अगस्त तक हमें हमारी जमीन पर कब्जा न मिला तथा दर्ज कराया गया फर्जी मुकदमा खत्म न किया गया तो हम परिवार के साथ सामूहिक रूप से आत्म हत्या के लिए विवश हांेगे, जिसके सारी जिम्मेदारी प्रशासन की होगी।
क्रासर:
डीएम ने लिया तत्काल एक्शन
जिलाधिकारी डा. नितिन बंसल के संज्ञान में मामला आते ही उन्होंने पुलिस अधीक्षक और एसडीएम सदर को पत्र लिखकर प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए तत्काल समाधान कराने का निर्देश दिया है। जिलाधिकारी ने लिखा है कि पत्र में वर्णित तथ्य गंभीर किस्म के हैं। कृपया इसे स्वयं देखें तथा अविलम्ब कार्रवाई सुनिश्चित कराते हुए समस्या का समाधान कराकर कृत कार्रवाई से अवगत कराएं। डीएम ने कहा कि पीड़ित पक्ष को न्याय मिलेगा। किसी के साथ नाइंसाफी नहीं होने पाएगी।
क्रासर:
पीड़ित को मिलेगा न्याय: सीओ सदर
क्षेत्राधिकारी सदर महाबीर सिंह ने बताया कि प्रकरण उनके संज्ञान में है। संयोग से घटना वाले दिन वह खुद खरगूपुर में मौजूद थे। उसी दिन उन्हें सच्चाई पता चल गई थी। मुकदमा दर्ज कराने वाली महिला कार्यालय में उटपटांग बात करती है। थानाध्यक्ष को सही कार्रवाई करने के लिए कई बार कह चुका हू। इसीलिए अब तक अन्य अभियुक्तों की गिरफ्तारी नहीं की गई है। जहां तक जमीन पर कब्जा दिलाने की बात है, राजस्व विभाग के अधिकारी जब भी फोर्स मांगेगे, हम पर्याप्त संख्या में पुलिस बल उपलब्ध करवा देंगे।
शिकायत कर्ता/ भुक्तभोगी कुलदीप
8874322952