– उन्नाव गैंगरेप केस (Unnao Gangrape Case) में सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया फैसला
– Supreme Court ने मामले को Uttar Pradesh से बाहर ट्रांसफर करने का दिया आदेश
– सुप्रीम कोर्ट बाकी पेंडिंग केसों को भी उत्तर प्रदेश से बाहर ट्रांसफर पर करेगा विचार
– सुप्रीम कोर्ट ने CBI के अधिकारी को भी किया तलब
लखनऊ। उन्नाव गैंगरेप केस (Unnao Gangrape Case) में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) का बहुत बड़ा फैसला आया है। सुप्रीम कोर्ट ने इस केस को उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) से बाहर ट्रांसफर करने का आदेश सुनाया है। कोर्ट ने यह भी कहा कि उन्नाव गैंगरेप मामले में जितने भी केस अभी पेंडिंग पड़े हैं, उन्हें भी यूपी से बाहर भेजने को लेकर विचार किया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट में मामले की अगली सुनवाई आज दोपहर 12 बजे फिर से होगी। सुप्रीम कोर्ट ने इस केस से जुड़े सीबीआई अधिकारी (CBI Officer) को भी तलब किया है। 12 बजे होने वाली सुनवाई के दौरान कोर्ट ने सीबीआई ऑफिसर को भी मौजूद रहने के लिए कहा है। कोर्ट ने सॉलिसिटर जनरल (Solicitar General) से कहा कि मामले की जाचं सीबीआई (CBI) को सौंपी गई है इसलिए एक जिम्मेदार अधिकारी को पेश किया जाए। आपको बता दें कि उन्नाव गैंगरेप पीड़ित (Unnao Gangrape Victim) की मां ने इस केस को उत्तर प्रदेश से बाहर ट्रांसफर करने की मांग की थी।
घायल पीड़ित लड़ रही जिंदगी-मौत की जंग
वहीं इससे पहले उन्नाव रेप पीड़ित (Unnao Gangrape Case Victim) के ऐक्सीडेंट को लेकर सियासी घमासान मचा हुआ है। घायल पीड़ित और उसका वकील गंभीर हालत में लखनऊ के ट्रामा सेंटर (KGMU Trauma Center Lucknow) में जिंदगी और मौत की जंग लड़ रही है। पीड़ित के एक्सीडेंट मामले में CBI I ने केस दर्ज कर लिया है। केस में बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को मुख्य आरोपी बनाया गया है। इस मामले में उन्नाव गैंगरेप पीड़ित की तरफ से सुप्रीम कोर्ट के CJI रंजन गोगोई को चिट्ठी काफी समय पहले लिखी गई थी, लेकिन चीफ जस्टिस को ये चिट्ठी नहीं मिल पाई थी। चिट्ठी आने की जानकारी अब मिलने पर CJI Ranjan gogoi काफी गुस्से में हैं। उन्होंने रजिस्ट्रार से इस बात का कारण भी पूछा है कि जब यह चिट्ठी यहां आई, तो मेरे सामने क्यों नहीं पेश की गई। इस बात की जानकारी अखबारों के जरिए मुझे मिल रही है, लेकिन स्टाफ के जरिए चिट्ठी उनके पास तक नहीं पहुंच पाई है।
उन्नाव गैंगरेप पीड़ित ने बताया था अपनी जान को खतरा
आपतो बता दें कि उन्नाव गैंगरेप पीड़ित 19 वर्षीय लड़की ने सीजेआई को लिखे पत्र में भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर (BJP MLA Kuldeep Singh Sengar) के कथित सहयोगियों से अपनी जान को खतरे की आशंका व्यक्त की थी। चिट्ठी पर पीड़ित, उसकी मां और चाची के हस्ताक्षर हैं। रविवार को इस लड़की की कार में एक ट्रक ने टक्कर मार दी, जिसमें उसकी मौसी और चाची की मौत हुई थी जबकि वह और उसका वकील गंभीर रूप से घायल हैं। ट्रक-कार की टक्कर के बाद कथित बलात्कार के मामले में पहले से जेल में बंद सेंगर पर हत्या का भी आरोप लगा है।
हम विस्फोटक स्थिति के बारे में कुछ करेंगे
सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस रंजन गोगोई (Chief Justice of India Ranjan Gogoi) ने इस चिट्ठी को लेकर कहा कि दुर्भाग्यवश, यह पत्र मेरे सामने नहीं आया। प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई (Ranjan Gogoi), न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता (Deepak Gupta) और न्यायमूर्ति अनिरुद्ध बोस (Anirudh Bose) की पीठ ने कहा कि हम इस अत्यधिक विस्फोटक स्थिति के बारे में कुछ करेंगे। पीठ ने ये टिप्पणियां उस वक्त की जब बच्चों से बलात्कार की बढ़ती घटनाओं के मामले में न्याय मित्र की भूमिका निभा रहे वरिष्ठ अधिवक्ता वी गिरि (V Giri) ने उन्नाव गैंगरेप मामले को सुनवाई के लिये जल्द सूचीबद्ध करने का अनुरोध किया। जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने इस मामले को आज के लिये सूचीबद्ध करते हुये उत्तर प्रदेश सरकार को उन्नाव गैंगरेप मामले की पीड़ित से संबंधित दुर्घटना के बारे में प्रगति रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया।