26 जुलाई को करगिल युद्ध के 20 साल पूरे हुए, मोदी ने दिल्ली के कार्यक्रम में शहीदों को नमन किया
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा- सेना को आधुनिक बनाने और राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे पर किसी के दबाव में नहीं आएंगे
परमवीर चक्र विजेता कैप्टन विक्रम बत्रा ने दिल मांगे मोर अपने लिए नहीं बल्कि भारत माता के लिए कहा था’

नई दिल्ली।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को इंदिरा गांधी स्टेडियम मेंकरगिल विजय दिवस समारोह में शामिल हुए। मोदी ने शहीदों के बलिदान को याद करते हुए पाकिस्तान पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने कई बार कश्मीर को लेकर छल किया, लेकिन 1999 में हमने उसके छल को छलनी कर दिया। करगिल की चोटियों से तिरंगे को उतारने की कोशिश को नाकाम करने वाले शहीदों और उनकी माताओं को नमन करता हूं। 20 साल पहले करगिल में लिखी गई वीरगाथा से भावी पीढ़ियों को प्रेरणा मिलती रहेगी।
मोदी ने कहा, ‘‘जवानों के लिए कर्तव्य ही सबकुछ होता है। उनकाजीवन सरकारों के कार्यकाल से बंधा नहीं होता है। शासक कोई भी हो सकता है, पर जवानों के पराक्रम पर हर हिंदुस्तानी का हक होता है। मैं युद्ध के दौरान 20 साल पहले करगिल गया था। तब दुश्मन चोटियों पर बैठकर खेल खेल रहा था। मौत सामने थी, लेकिन हर जवान तिरंगा लेकर चोटी पर जाना चाहता था। मैंने 2014 में भी जाकरउस मिट्टी पर नमन किया था।’’
अटलजी ने कहा था- शहीदों के साथ खड़े नहीं हुए तो मातृभूमि का कर्ज नहीं चुकेगा
प्रधानमंत्री ने कहा,‘‘जंग के दौरान नौजवान रक्तदान के लिए खड़े हो गए थे। बच्चों ने जवानों के लिए अपने गुल्लक खोल दिए थे। अटलजी ने कहा था कि देश के लिए जान देने वाले जवानों के साथ अगर हम खड़े नहीं हो सके तो मातृभूमि के कर्ज को कभी नहीं चुका पाएंगे। हमारी सरकार जवानों को सशक्त बनाने के लिए काम कर रही है। हमने उनके लिए वन रैंक वन पेंशन और अब दूसरी सरकार में शहीदों के बच्चों के लिए स्कॉलरशिप बढ़ाने का काम पूरा किया है। उनकी याद में नेशनल वॉर मेमोरियल बनाया गया।’’
भारत कभी हिंसा के साथ नहीं रहा: मोदी
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘अटलजी ने कहा था कि पाकिस्तान को लगता था कि करगिल को लेकर दुनिया हस्तक्षेप करेगी और एक नई रेखा खींचने में वो कामयाब हो जाएंगे। लेकिन हम उन्हें जवाब देंगे, इसकी उम्मीद दुश्मन को नहीं थी। यही उन्हें भारी पड़ गया। अटलजी ने पाकिस्तान के साथ शांति की पहल की थी, उससे दुनिया का नजरिया बदलने लगा था। भारत का इतिहास रहा है कि हम कभी हिंसा के साथ नहीं रहे हैं। देश शांति के रक्षक और मानवता के साथ चला है।’’
आतंकवाद समेत सीमा की सुरक्षा हमारे सामने चुनौती है। इसलिए सेना को आधुनिक बनाने का हमारा प्रयास है। राष्ट्र की सुरक्षा के लिए न किसी दबाव में न प्रभाव और न ही अभाव में काम होगा। हमने दबावों के बीच सेना को मजबूत बनाने के लिए कदम उठाए और आगे भी करते रहेंगे। सेना के आधुनिकीकरण के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं। जवानों के लिए राइफलें और अन्य हथियार बनाए जा रहे हैं। विदेशों से भी हथियार खरीदे जा रहे हैं।”
‘झंडेके तीन रंग हमें जीने-मरने की प्रेरणा देते हैं’
मोदी ने कहा कि चाहे वर्दी कोई भी हो, उसका रंग कोई भी हो लेकिन सबका मकसद और मन एक होता है। हमारे झंडे में तीन अलग-अलग रंग हैं, यह तीन रंग हमें जीने-मरने की प्रेरणा देते हैं। इसी तरह हमारी तीनों सेनाओं को व्यवहार में एक साथ जुड़ना जरूरी है। सीमा से सटे इलाकों में इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत किया जा रहा है। मुश्किल हालात में वहां से लोगों को पलायन के लिए मजबूर होना पड़ता है। देश के 17 राज्यों को 450 करोड़ की आर्थिक मदद इसी कड़ी में दी गई है। मुझे भरोसा है कि देश की सुरक्षा अभेद्य है और रहेगी।
मोदी ने करगिल में जवानों के साथ अपनी तस्वीरें शेयर की थीं
मोदी ने कहा, ‘‘परमवीर चक्र विजेता कैप्टन विक्रम बत्रा ने कहा था कि ये दिल मांगे मोर, ये किसके लिए था? भारत माता के लिए था।’’ 26 जुलाई को करगिल युद्ध के 20 साल पूरे हुए हैं। इससे पहले शुक्रवार को नरेंद्र मोदी ने 1999 के वक्त करगिल में जवानों के साथ अपनी तस्वीरें पोस्ट की थीं और शहीदों को श्रद्धांजलि दी थी।सोर्स ऑफ दैनिक भास्कर।
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