जानिए आज का पंचांग

प्रदीप कुमार द्विवेदी

जीवनमन्त्र डेस्क। कई बार ऐसा होता है कि जो लोग आस्तिक होते हैं वे नाकामयाब रहते हैं और नास्तिक कामयाब. इस तरह के परिणाम का कारण व्यक्ति स्वयं होता है. भाग्य का आस्तिक होने या न होने से कोई सम्बन्ध नहीं है. ।भाग्य उन लोगों का भी होता है जो भाग्य को नहीं मानते हैं. लेकिन भाग्य अस्तित्व में तभी आता है जब कर्म होता है. जैसे प्रकाश के बगैर छाया सम्भव नहीं है वैसे ही कर्म के बगैर भाग्य का लाभ सम्भव नहीं है।

यदि कोई नास्तिक बेहतर कर्म करता है तो यकीनन उसे भाग्य के सापेक्ष कामयाबी मिलेगी और यदि कोई आस्तिक कर्म की उपेक्षा करता है तो निश्चय ही जीवन में उसे नाकामयाबी मिलेगी.। भाग्य तो महज किसी प्रयास कि सफलता का प्रतिशत तय करता है. इसलिए बगैर प्रयास के, बगैर कर्म के केवल आस्तिक होने के दम पर सफलता नहीं पाई जा सकती है.

भाग्य की प्रबलता पूर्व जन्मों के सत्कर्मों पर निर्भर है. जो हो चुका है उसे बदलना व्यक्ति के हाथ में नहीं है लेकिन वर्तमान सत्कर्म भाग्य को संवार जरूर सकते हैं. इसलिए यह तय है कि सच्चा और सात्विक जीवन जीने वाला नास्तिक, किसी ढोंगी आस्तिक से ज्यादा सुखी और सफल रहता है. भाग्य और सफलता का यही सम्बन्ध है और जो इसे अपना लेता है वही सफल होता है, चाहे आस्तिक हो या नास्तिक.

भगवान पर भरोसा करनेवाले अनेक ऐसे लोग मिल जाएंगे जो कहने को भगवान पर भरोसा जताते हैं पर वास्तव में भरोसा करते नहीं हैं! जब अच्छे कर्म करते हैं तो सबको कहते रहते हैं कि ईश्वर सब देख रहा है लेकिन जब बुरे कर्म करते हैं तब मान कर चलते हैं कि उन्हें कोई नहीं देख रहा, भगवान भी नहीं!

-आज का राशिफल-

निम्न राशि के लिए उत्तम चन्द्रबलम अगले दिन सूर्योदय तक:

वृषभ, मिथुन, कन्या,

तुला, मकर, मीन

*सिंह राशि में जन्में लोगो के लिए अष्टम चन्द्र

* यहां राशिफल चन्द्र के गोचर पर आधारित है, व्यक्तिगत जन्म के ग्रह और अन्य ग्रहों के गोचर के कारणशुभाशुभ परिणामों में कमी-वृद्धि संभव है, इसलिए अच्छे समय का सद्उपयोग करें और खराब समय मेंसतर्क रहें.

– बुधवार का चौघडिय़ा

दिन का चौघडिय़ा रात्रि का चौघडिय़ा

पहला- लाभ पहला- उद्वेग

दूसरा- अमृत दूसरा- शुभ

तीसरा- काल तीसरा- अमृत

चौथा- शुभ चौथा- चर

पांचवां- रोग पांचवां- रोग

छठा- उद्वेग छठा- काल

सातवां- चर सातवां- लाभ

आठवां- लाभ आठवां- उद्वेग

* दिन का चौघडिय़ा- अपने शहर में सूर्योदय से सूर्यास्त के बीच के समय को बराबर आठ भागों में बांट लें और हर भाग का चौघडिय़ा देखें.

* रात का चौघडिय़ा- अपने शहर में सूर्यास्त से अगले दिन सूर्योदय के बीच के समय को बराबर आठ भागों में बांट लें और हर भाग का चौघडिय़ा देखें.

* अमृत, शुभ, लाभ और चर, इन चार चौघडिय़ाओं को अच्छा माना जाता है और शेष तीन चौघडिय़ाओं- रोग, काल और उद्वेग, को उपयुक्त नहीं माना जाता है.

* यहां दी जा रही जानकारियां संदर्भ हेतु हैं, स्थानीय पंरपराओं और धर्मगुरु-ज्योतिर्विद् के निर्देशानुसारइनका उपयोग कर सकते हैं.

* अपने ज्ञान के प्रदर्शन एवं दूसरे के ज्ञान की परीक्षा में समय व्यर्थ गंवाएं क्योंकि ज्ञान अनंत है औरजीवन का अंत है!

पंचांग

बुधवार, 26 जून 2019

शक सम्वत 1941 विकारी

विक्रम सम्वत 2076

काली सम्वत 5121

दिन काल 13:57:43

मास आषाढ

तिथि नवमी – पूर्ण रात्रि तक

नक्षत्र उत्तराभाद्रपद – 05:37:56 तक

करण तैतिल – 17:05:01 तक

पक्ष कृष्ण

योग शोभन – 23:48:14 तक

सूर्योदय 05:24:57

सूर्यास्त 19:22:40

चन्द्र राशि मीन

चन्द्रोदय 25:19:59

चन्द्रास्त 13:07:00

ऋतु वर्षा

दिशा शूल: उत्तर में

राहु काल वास: दक्षिण-पश्चिम में

नक्षत्र शूल: कोई नहीं

चन्द्र वास: उत्तर में

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