नई दिल्ली ।
केंद्रीय बजट का बहुत अधिक प्रभाव इस सप्ताह शेयर बाजारों पर देखने को मिल सकता है। इसके साथ ही इस हफ्ते जारी किये जाने वाले वृहद आर्थिक आंकड़ों और वैश्विक संकेतों का असर भी निवेशकों की धारणा को प्रभावित कर सकती है। बजट में सार्वजनिक हिस्सेदारी बढ़ाये जाने के प्रस्ताव के बाद बीएसई सेंसेक्स एवं एनएसई निफ्टी में चार दिन से जारी बढ़त का सिलसिला शुक्रवार को थम गया था और दोनों शेयर बाजारों में भारी गिरावट दर्ज की गयी थी।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में कहा था कि यह न्यूनतम सार्वजनिक हिस्सेदारी को 25 प्रतिशत से बढ़ाकर 35 प्रतिशत करने का सही समय है। सेंट्रम ब्रोकिंग की एक रपट में कहा गया है कि टीसीएस, विप्रो और डिमार्ट सहित 1,174 सूचीबद्ध कंपनियों को अपने प्रवर्तकों की 3.87 लाख करोड़ रुपये मूल्य की हिस्सेदारी को कम करना होगा।
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