जम्मू- कश्मीर में राष्ट्रपति शासन बढ़ाने के प्रस्ताव का RJD ने किया समर्थन

आरजेडी सांसद ने आगे कहा कि चंद्रशेखर आजाद, सुभाष चंद्र बोस, जवाहर लाल नेहरू किसी पार्टी के नहीं देश की विरासत हैं

देश तय करे कि उसे जमीन चाहिए या लोग, अगर हमें लोग चाहिए तो नीतियां उस तरह की बनानी होंगी

नई दिल्ली ।

लोकसभा के बाद सोमवार को राज्यसभा में गृह मंत्री अमित शाह ने जम्मू कश्मीर में राष्ट्रपति शासन बढ़ाने का प्रस्ताव पेश किया. मोदी सरकार द्वारा पेश किए गए प्रस्ताव का राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) ने समर्थन किया है. आरजेडी सांसद मनोज कुमार झा ने राज्यसभा में कहा कि हम राष्ट्रपति शासन का समर्थन करते हैं. उन्होंने कहा कि हर चीज के लिए नेहरू को जिम्मेदार ठहराया जाता है.
आरजेडी सांसद ने आगे कहा कि चंद्रशेखर आजाद, सुभाष चंद्र बोस, जवाहर लाल नेहरू किसी पार्टी के नहीं देश की विरासत हैं. उन्होंने कहा कि देश तय करे कि उसे जमीन चाहिए या लोग, अगर हमें लोग चाहिए तो नीतियां उस तरह की बनानी होंगी।
मनोझ झा ने कहा कि ये लोग अपने पद से नहीं अपने कद से थे और इनके बारे में टिप्पणी करने का हमें कोई हक नहीं हैं क्योंकि इनके आगे हम सब बौने हैं।

★ इन पार्टियों ने भी किया समर्थन

जम्मू कश्मीर में राष्ट्रपति शासन बढ़ाने के प्रस्ताव का आरजेडी के अलावा टीएमसी, जेडीयू और बीजेडी ने भी समर्थन किया है. जेडीयू सांसद रामचंद्र प्रसाद ने कहा कि कांग्रेस के समय में फैक्स बहुत ज्यादा काम कर रहा था. राज्यपाल के प्रस्ताव पर राष्ट्रपति को रात में जगाकर दस्तखत कराए गए थे।
प्रसाद ने कहा कि राष्ट्रपति शासन में बहुत काम होता है और कलेक्टर रहने के दौरान मैंने ऐसे हालात में यूपी के 4 जिलों में काम किया है. जेडीयू सांसद ने कहा कि जम्मू क्षेत्र के तीनों जिलों में आरक्षण का लाभ मिलेगा और इसके लिए केंद्र सरकार बधाई की पात्र है।

इससे पहले अमित शाह ने जम्मू कश्मीर में राष्ट्रपति शासन की अवधि बढ़ाने संबंधी प्रस्ताव पर बोलते हुए कहा कि 2 जुलाई को राष्ट्रपति शासन की अवधि खत्म हो रही है. उन्होंने कहा कि 20 जून 2018 को पीडीपी सरकार के पास समर्थन न होने की वजह और फिर किसी भी पार्टी ने सरकार बनाने का दावा पेश नहीं किया. इसके बाद वहां 6 माह के लिए राज्यपाल शासन लगाया गया, इसके बाद राज्यपाल ने 21 नवंबर 2018 को विधानसभा भंग कर दी।
गृह मंत्री ने कहा कि राज्यपाल शासन के बाद केंद्र सरकार ने 20 दिसंबर 2018 से राष्ट्रपति शासन लगाने का फैसला किया. आज का प्रस्ताव इस शासन को और 6 माह बढ़ाने का प्रस्ताव है।

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