नई दिल्ली ।
नव निर्वाचित लोकसभा का सत्र आज से शुरू हो रहा है, लेकिन विपक्षी खेमा अभी भी तितर-बितर नजर आ रहा है. राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) ने रविवार को सर्वदलीय बैठक बुलाई. मगर विपक्ष की तरफ से अभी तक ऐसी कोई पहल देखने को नहीं मिली. कांग्रेस नेता और राज्यसभा सांसद पीएल पुनिया ने कहा है कि लोकसभा के नव निर्वाचित सांसदों को शपथ दिलाने के बाद विपक्षी दलों के नेता मिल सकते हैं. कांग्रेस ने सदन में अभी अपने नेता की घोषणा नहीं की है.
लोकसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को मिले भारी जनादेश से विपक्ष का विश्वास हिल गया है. संसद का सत्र सोमवार से शुरू होने जा रहा है, लेकिन विपक्षी पार्टियां अब भी नरेंद्र मोदी को मिली बड़ी जीते के सदमे से उबर नहीं पाई हैं. यानी विपक्ष सदन में सत्ता पक्ष का सामना करने के लिए तैयार भी नहीं दिख रहा है.
मोदी सरकार को तमाम मुद्दों पर घेरने के लिए विपक्षी पार्टियों के बीच अभी तक कोई समन्वय करने की कोशिश भी नजर नहीं आई, और न ही इन दलों की तरफ से आधिकारिक तौर पर अभी तक कोई बयान आया है.
कांग्रेस नेता पीएल पुनिया ने ‘आजतक’ से कहा, ‘अभी तो समय है. वास्तव में लोकसभा में 20 जून से ही काम शुरू होगी. शुरू के तीन दिन तो नव निर्वाचित सदस्यों को शपथ दिलाने और प्रशासनिक कामों को पूरा करने में लग जाएंगे.’ उन्होंने कहा, ‘मुझे भरोसा है कि लोकसभा में मोदी सरकार को विभिन्न मुद्दों पर घेरने के वास्ते विपक्ष के नेता एक मंच पर आएंगे और आगे की रणनीति तय करेंगे.’
कांग्रेस अध्यक्ष की मौजूदा स्थिति को लेकर भी असमंजस की स्थिति बनी हुई है, और अभी तक इसका फैसला नहीं हो पाया है कि लोकसभा में कांग्रेस का नेता कौन होगा? पीएल पुनिया कहते हैं कि सदन का नेता चुनने के लिए अभी समय है. यह काम हमारी संसदीय दल की नेता सोनिया गांधी पूरा करेंगी.
पुनिया कहते हैं, ‘मुझे विश्वास है कि विपक्षी दलों के नेता एक साथ आएंगे और लोकसभा में राष्ट्र हित के मुद्दों को उठाएंगे.’ वहीं आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सासंद संजय सिंह का कहना है कि AAP के पास राज्यसभा में तीन जबकि लोकसभा में एक सदस्य है. हमारी स्थिति भले ही एनडीए से कमजोर है लेकिन हम उसे इतना आसानी से नहीं जाने देंगे. उन्होंने कहा कि हम सभी मुद्दों मसलन आर्थिक मंदी, बेरोजगारी, कृषि संकट और देश में सूखे की स्थिति को लेकर सवाल को उठाएंगे