कलकत्ता।ममता के गढ़ में हिंसाओं का दौर खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। पहले बीजेपी और टीमएमसी के बीच की लड़ाई, फिर डॉक्टरों की हड़ताल और अब कांग्रेस- तृणमूल कांग्रेस के खूनी जंग शुरु हो गई है। पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में तृणमूल कांग्रेस और कांग्रेस के कार्यकर्ताओं के बीच झड़प हुई है। इसमें टीएमसी के तीन कार्यकर्ताओं की मौत हो गई है। स्थानीय सूत्र और पुलिस के मुताबिक शनिवार सुबह टीएमसी और कांग्रेस के कार्यकर्ताओं के बीच झड़प हुई। इसमें टीएमसी कार्यकर्ता खैरुद्दीन शेख और सोहेल राणा और एक अन्य कार्यकर्ता की मौत हो गई।
इससे पहले लोकसभा चुनाव से पहले ढोमकोल पंचायत समिति के अल्ताफ हुसैन की भी हत्या कर दी गई थी। इस घटना के मुख्य आरोपी को कुछ दिन बाद रिहा कर दिया गया था। बताया जा रहा है कि सोहेल राणा अल्ताफ हुसैन का बेटा है और खैरुद्दीन शेख उसका बड़ा भाई है। इस घटना के बाद इलाके में भारी पुलिस बल तैनात है। कार्यकर्ताओं की मौत के पीछे टीएमसी ने कांग्रेस का हाथ बताया है। खैरुद्दीन के बेटे ने कहा कि हम सो रहे थे, तभी अचानक घर पर बम से हमला हुआ। उन्होंने हमारे पिता पर हमला किया। उन्होंने कहा कि कुछ दिन पहले मेरे चाचा की भी हत्या कर दी गई थी। उन्होंने इस हत्या के पीछे कांग्रेस का हाथ बताया है।
हाल ही में उत्तर 24 परगना जिले के हसनाबाद में बीजेपी महिला कार्यकर्ता की गोली मारकर हत्या की गई थी। अमलानी पंचायत में 42 वर्षीय सररस्वती दास पर गुरुवार रात बदमाशों ने ताबड़तोड़ फायरिंग की। बीजेपी ने तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के गुंडों पर हत्या का आरोप लगाया था। इससे पहले संदेशखली के हतगाची इलाके में तृणमूल और बीजेपी कार्यकर्ताओं के बीच झड़प हुई थी। मामूली बात को लेकर शुरू हुई इस झड़प ने हिंसक रूप ले लिया और गोलियां चलने लगी। इस घटना में बीजेपी के तीन से चार कार्यकर्ता मारे गए, जबकि टीएमसी के भी तीन कार्यकर्ताओं के मौत की खबरें आई थी।