श्रीनगर ।
कश्मीर घाटी में लोकसभा चुनाव शांतिपूर्वक तरीके से संपन्न होने के बाद वहां गोलीबारी की संख्या बढ़ गई है और इसके साथ ही आतंकियों की मौतों का आंकड़ा भी बढ़ गया है।
अनंतनाग और लद्दाख निर्वाचन क्षेत्र में 6 मई को मतदान के साथ ही कश्मीर घाटी में मतदान संपन्न हो गए। इसके बाद सुरक्षा बलों ने 10 मई से आठ आतंकवाद रोधी अभियान चलाए। छह ऑपरेशन सफल रहे, जिनमें 12 आतंकवादी मारे गए। सेना के दो जवान और दो नागरिक (पुलिस ने कहा कि इनमें से एक आतंकवादी का सहयोगी था) भी इन गोलीबारी के दौरान मारे गए थे। 7 मई से शुरू हुए रमजान के पवित्र महीने की शुरुआत के साथ ही इस अभियान में उछाल आया है।
गुरुवार को गोलीबारी की दो घटनाएं और शनिवार को और दो घटनाएं हुईं।
इसके उलट जब कश्मीर के बारामूला में 11 अप्रैल को पहले चरण का मतदान हुआ और 6 मई को घाटी में मतदान खत्म हुआ, इस दौरान सुरक्षा बलों और आतंकवादियों के बीच सिर्फ चार मुठभेड़ हुई। उन चार मुठभेड़ों में आठ आतंकवादी मारे गए।
राज्य के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी जिन्होंने नाम नहीं छापने की इच्छा जताई, कहा, “मैं मानता हूं कि आतंकवाद से संबंधित अभियान चुनावों के बाद बढ़ें हैं, लेकिन यह सभी चल रहे आतंकवाद-रोधी प्रक्रिया का एक हिस्सा हैं। ऐसे अभियान विश्वसनीय खुफिया सूचनाओं की वजह से होते हैं।”