बलिया-उत्तर प्रदेश के बलिया जनपद के समाजवादी पार्टी के कार्यालय पर अपने बहुमत के अहंकार में मदमस्त होकर भाजपा की मोदी सरकार से सभी संवैधानिक संस्थाओं को रावण की तरह बंधक बनाकर रखे हुए है । यह आरोप यूपी विधान सभा मे नेता प्रतिपक्ष राम गोविंद चौधरी ने प्रेसवार्ता में कही । बलिया में अंतिम चरण 19 मई को होने वाले मतदान से पूर्व चुनाव प्रचार खत्म होने से पहले शुक्रवार को महागठबंधन के शीर्ष नेताओं रामगोविंद चौधरी, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष माता प्रसाद पांडेय, राजीव राय, शैलेंद्र यादव ललई आदि नेताओं ने भाजपा पर जमकर हमला बोला। सपा कार्यालय पर प्रेसवार्ता आयोजित कर आरोप लगाया कि भाजपा बलिया संसदीय सीट पर चुनाव के दिन भाजपा मतदाताओं को प्रलोभन दे सकती है। प्रधानों और कोटेदारों को डराया और धमकाया जा रहा है। चुनाव आयोग को भी इस ओर ध्यान देना चाहिए। नेता प्रतिपक्ष रामगोविंद चौधरी ने प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर निशाना साधते हुए कहा कि चुनाव बाद उन्हें मानसिक अस्पताल में भर्ती कराना पड़ेगा। उन्होंने सवालों के जवाब देते हुए कहा कि महामिलावटी हम नहीं बल्कि 42 दलों से गठबंधन करने वाली भाजपा है। कहा कि अंतिम चरण के चुनाव में भाजपा हर हथकंडे अपना रही है। जिस तरह से रावण ने किया उसी तरह से भाजपा के राज में सभी संवैधानिक संस्थाओं को बंधक बना लिया गया है। पश्चिम बंगाल में जिस तरह से संविधान को ताक पर रख कर माहौल खराब किया जा रहा है, इसका जवाब जनता देगी। उन्होंने कहा कि भाजपा राममंदिर के नाम पर देश के लोगों को सिर्फ बरगला रही है। जबकि राम हमारे लिए आस्था का केंद्र हैं। पूर्व विधानसभा अध्यक्ष माता प्रसाद पांडेय ने कहा कि इस बार के लोकसभा के चुनाव में भाजपा का सूपड़ा साफ हो रहा है, इसलिए वह मतदाताओं को प्रलोभन दे रही है। इसको हमारे सपा-बसपा के कार्यकर्ता सफल नहीं होने देंगे। उन्होंने कहा कि महागठबंधन के प्रत्याशी सनातन पांडेय मजबूती से चुनाव लड़ रहे हैं, इससे भाजपा के लोग बौखला गए हैं। यही कारण है कि हार के डर से सरकारी मशीनरी का दुरूपयोग किया जा रहा है। हमारे कार्यकर्ताओं को प्रशासन, सरकार के इशारे पर धमका रही है। इसका डटकर मुकाबला किया जाएगा। और वही कांग्रेस पार्टी के बलिया लोकसभा में समर्थन मामले पर कांग्रेस पार्टी को बढ़ा दिया । इस मौके पर सपा जिलाध्यक्ष संग्राम सिंह यादव, सपा के जिला प्रवक्ता सुशील कुमार पांडेय ‘कान्ह जी’, यशपाल सिंह, जयप्रकाश अंचल, डॉ. विश्राम यादव, रामजी गुप्ता, चंद्रशेखर उपाध्याय, राजन कन्नौजिया, रोहित चौबे आदि मौजूद थे।