लोकसभा चुनाव 2019 के छठे चरण के मतदान में उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल समेत 7 राज्यों की 59 लोकसभा सीटों पर 12 मई को मतदान होगा

दिल्ली।लोकसभा चुनाव 2019 के छठे चरण के मतदान में उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल समेत 7 राज्यों की 59 लोकसभा सीटों पर 12 मई को मतदान होगा। इस बार साध्वी प्रज्ञा, दिग्विजय सिंह, अखिलेश यादव, कीर्ति आजाद, मेनका गांधी, ज्योतिरादित्य सिंधिया समेत कई दिग्गजों की किस्मत ईवीएम में बंद होगी। आगे की स्लाइड में देखें छठे चरण में किन सीटों पर किन दिग्गजों के बीच मुकाबला होगा।

★ मनोज तिवारी-दिलीप पाण्डेय-शीला दीक्षित
उत्तर पूर्वी दिल्ली (दिल्ली)

2019 लोकसभा चुनाव में उत्तर पूर्वी दिल्ली लोकसभा सीट बेहद हाई-प्रोफाइल सीटों में से एक है। कांग्रेस ने इस सीट पर तीन बार दिल्ली की मुख्यमंत्री रह चुकीं शीला दीक्षित को मैदान में उतारा है। जबकि भाजपा की तरफ से मनोज तिवारी और आम आदमी पार्टी के टिकट पर दिलीप पाण्डेय मैदान में हैं। इस क्षेत्र में पूर्वाचंल के लोग अच्छी-खासी संख्या में हैं, जिससे मनोज तिवारी को फायदा मिलने की उम्मीद है। इसके साथ ही कांग्रेस भी इस सीट से ताल ठोक रही है, क्योंकि मुस्लिम मतदाताओं की संख्या यहां सबसे ज्यादा है, जिनका वोट शीला दीक्षित के खाते में आ सकता है। 2014 में उत्तर पूर्वी दिल्ली लोकसभा सीट से भाजपा के मनोज तिवारी ने आप के मनोज उम्मीदवार आनंद कुमार को मात दे कर जीत हासिल की थी

★ गौतम गंभीर-आतिशी – फोटो : सोशल मीडिया

पूर्वी दिल्ली (दिल्ली)

पूर्वी दिल्ली लोकसभा सीट से भाजपा ने क्रिकेटर गौतम गंभीर को मैदान में उतारा है। उनके सामने कांग्रेस के अरविंदर सिंह लवली हैं जबकि आम आदमी पार्टी ने अतिशी पर दांव खेला है। यहां तीनों ही पार्टियों के बीच टक्कर है, इसलिए मुकाबला त्रिकोणीय है, लेकिन भाजपा और आप के समर्थकों का मानना है कि इन दोनों पार्टियों के बीच सीधी टक्कर है। यहां गौतम गंभीर पार्टी मुद्दों पर चुनाव लड़ने के साथ ही अपनी पहचान और स्थानीय होने का फायदा उठा सकते हैं। वहीं आप की तरफ से अतिशी विकास और पिछले पांच सालों में पार्टी द्वारा किए गए कामों के आधार पर वोट मांग रही हैं। पिछले लोकसभा चुनावों में भाजपा के महेश गिरी ने यहां से जीत हासिल की थी।

★ डॉ संजय सिंह-मेनका गांधी

सुल्तानपुर (उत्तर प्रदेश)

उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर लोकसभा सीट से मोदी सरकार की केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी मैदान में हैं। उनके सामने खड़े हैं कांग्रेस के संजय सिंह। इससे पहले इस सीट से उनके बेटे वरुण गांधी सासंद चुने गए थे। इस बार उनकी सीट वरुण गांधी के साथ बदल दी गई है। यहां अनुसूचित जाति, जनजाति के अलावा मुस्लिम, ब्राह्मण, ठाकुर और ओबीसी मतदाताओं की बड़ी आबादी है। यहां से किसी प्रत्याशी की जीत या हार में इन वोटरों की बड़ी भूमिका होती है। सुल्तानपुर कांग्रेस का गढ़ माने जाने वाले क्षेत्र अमेठी और रायबरेली से सटी हुई सीट है। यहां लंबे समय तक कांग्रेस का शासन भी रहा है। ऐसे में यहां झंडा बुलंद कर पाना मेनका के लिए थोड़ा कठिन हो सकता है।

★ अखिलेश यादव-दिनेश लाल यादव ‘निरहुआ’

आजमगढ़ (उत्तर प्रदेश)

इस बार उत्तर प्रदेश की आजमगढ़ लोकसभा सीट पर उम्मीदवारों के कारण पूरे देश की नजर टिकी हुई है। आजमगढ़ में एक तरफ महागठबंधन की ओर से सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव अपने लंबे राजनीतिक अनुभव के साथ मैदान में हैं, तो वहीं भाजपा ने भोजपुरी स्टार दिनेश लाल यादव ‘निरहुआ’ को टिकट दिया है। एक तरफ दिनेश लाल पहली बार चुनाव लड़ रहे हैं, और दूसरी तरफ आजमगढ़ में सपा का किला मजबूत है, जिसका सीधा लाभ अखिलेश को मिल सकता है। यहां यादव मतदाता निर्णायक भूमिका में हैं, और दोनों ही पार्टी के उम्मीदवार यादव जाति से आते हैं, इसलिए महागठबंधन और भाजपा के बीच वोट बंट सकता है। पिछले लोकसभा चुनावों में मोदी लहर के बावजूद मुलायम सिंह ने यहां सपा का झंडा बुलंद किया था।

★ के पी यादव-ज्योतिरादित्य सिंधिया

गुना (मध्यप्रदेश)

मध्यप्रदेश की गुना लोकसभा सीट पर किसी पार्टी से ज्यादा सिंधिया राजघराने का असर रहा है। यह कांग्रेस के पश्चिमी उत्तर प्रदेश महासचिव ज्योतिरादित्य सिंधिया की सीट है। पिछले चार लोकसभा चुनावों में वो यहां से जीत हासिल कर सांसद बने हैं और कांग्रेस ने इस बार फिर उन्हें इस सीट से टिकट दिया है। इस बार उनका मुकाबला भाजपा के उम्मीदवार के. पी. यादव से है। यादव कभी सिंधिया के करीबी और उनके सांसद प्रतिनिधि हुआ करते थे।

★ साध्वी प्रज्ञा-दिग्विजय सिंह

भोपाल (मध्यप्रदेश)

भोपाल लोकसभा सीट इन दिनों सियासी घमासान के कारण चर्चा में है। यहां से भाजपा ने हिंदुत्व के प्रतीक के रूप में साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर को टिकट दिया है। उनका मुकाबला कांग्रेस के दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह से है। दोनों के बीच कांटे की टक्कर है और माना जा रहा कि इस बार यहां का चुनाव पूरी तरह धर्म पर आधारित है। दोनों ही पार्टी के उम्मीदवार हिंदुत्व के मुद्दे को केंद्र में रखकर किस्मत आजमा रहे हैं। 2014 के लोकसभा चुनाव में भोपाल में भाजपा के आलोक संजर ने जीत हासिल की थी।

★ कविता सिंह और हिना सहाब
सीवान (बिहार)

सीवान लोकसभा सीट पर इस बार मुकाबला दो बाहुबली की पत्नियों के बीच है। एक तरफ हैं मोहम्मद शहाबुद्दीन की पत्नी हीना शाहब, तो दूसरी तरफ अजय सिंह की पत्नी कविता सिंह। हीना शाहब महागठबंधन की उम्मीदवार हैं और राजद के टिकट पर मैदान में हैं, वहीं कविता सिंह एनडीए की ओर से जदयु के टिकट पर चुनाव लड़ रही हैं। दोनों ही उम्मीदवार अपने बाहुबली पतियों के राजनीतिक दबदबे के आधार पर चुनाव लड़ रही हैं। 2014 में यहां से भाजपा के ओम प्रकाश यादव ने जीत हासिल की थी। इस बार एनडीए गठबंधन में यह सीट जदयू के खाते में चली गई, जिसके कारण ओम प्रकाश का टिकट कट गया।

★ पशुपतिनाथ सिंह-कीर्ति आजाद

धनबाद (झारखण्ड)

धनबाद झारखंड में भाजपा की परंपरागत सीटों में से एक है। धनबाद लोकसभा सीट पर एनडीए ने पशुपतिनाथ सिंह और यूपीए ने कीर्ति आजाद को मैदान में खड़ा किया है। 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा के पशुपतिनाथ सिंह ने कांग्रेस प्रत्याशी अजय कुमार दुबे को 2.5 लाख से भी ज्यादा वोटों से मात दी थी। इस सीट पर ज्यादातर भाजपा का ही कब्जा रहा है। यहां पहले भी भाजपा ने मोदी फैक्टर के आधार पर जीत का स्वाद चखा है, और इसलिए इस बार भी नरेंद्र मोदी के नाम पर ही चुनाव लड़ा जा रहा है। कीर्ति आजाद कांग्रेस के बड़े नेता हैं, और उनके यहां आ जाने से लड़ाई और भी दिलचस्प हो गई है।

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