नई दिल्ली. सचिन तेंदुलकर ने खुद पर लगे हितों के टकराव के आरोपों से इनकार किया है। बीसीसीआई लोकपाल डीके जैन के नोटिस के जवाब में सचिन ने रविवार को यह दावा किया। सचिन ने अपने जवाब में स्पष्ट किया कि उन्होंने आईपीएल की फ्रेंचाइजी मुंबई इंडियंस से कभी किसी प्रकार कोई आर्थिक लाभ नहीं लिया। फ्रेंचाइजी के किसी फैसले में भी उनकी कोई भूमिका नहीं रही।
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मध्य प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन (एमपीसीए) केसदस्य संजीव गुप्ता ने ई-मेल भेजकर बीसीसीआई लोकपाल से सचिन की शिकायत की थी। संजीव ने शिकायत में कहा था कि सचिन मुंबई के मेंटर और बीसीसीआई की क्रिकेट सलाहकार समिति (सीएसी) के सदस्य के तौर पर दोहरी भूमिकाएं निभा रहे हैं।
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सचिन ने जवाब में कहा कि वे किसी पद पर नहीं हैं और ना ही कोई फैसला (टीम खिलाड़ियों के चयन समेत) लेते हैं। इस कारण से यहां बीसीसीआई के नियमों के तहत या अन्य किसी प्रकार से हितों का कोई टकराव नहीं है।
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तेंदुलकर ने सीएसी में अपनी भूमिका को लेकर लिखा कि वे 2015 में बीसीसीआई समिति के सदस्य तौर पर नियुक्त हुए थे। उसी साल मुंबई इंडियंस से भी जुड़े थे। उन्होंने लिखा, ‘नोटिसी (तेंदुलकर) ने रिटायरमेंट लेने के बाद से मुंबई इंडियंस के आइकन की हैसियत से आईपीएल फ्रेंचाइजी से कभी कोई आर्थिक लाभ/इनाम/पुरस्कार नहीं लिया।’
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