सीजन अब तक रसेल-मेनिया के नाम रहा है। कोलकाता नाइट राइडर्स के आंद्रे रसेल की इस सीजन में बल्लेबाजी किसी एक्शन-एडवेंचर मूवी की तरह रही है। मैदान कोई भी हो, सामने कोई भी टीम हो, रसेल के बल्ले से उसी रफ्तार से छक्के बरस रहे हैं। उनकी निरंतरता, ताकत और शॉट्स की रेंज इतनी बेहतरीन रही है कि क्रिस गेल, डेविड वॉर्नर, हार्दिक पंड्या, रोहित शर्मा, शेन वाटसन और एमएस धोनी जैसे बिग हिटर भी उनके सामने छोटे पड़ गए हैं।
रसेल ने ज्यादा रन बाउंड्री से बटोरे
रसेल ने इस सीजन में खेली 8 पारियों में 377 रन बनाए हैं। इस दौरान उनका स्ट्राइक रेट 220.46 का रहा है। वे अपनी टीम के सीजन के टॉप स्कोरर भी हैं। इन 8 पारियों में रसेल ने चौके से ज्यादा छक्के जमाए। 39 छक्के और 23 चौके लगाए। अपने 377 में से 326 रन तो बाउंड्री से ही बनाए। यानी कुल रन का 86.4% रन बाउंड्री से बटोरे।
रसेल के ये आंकड़े किसी एक या दो दमदार पारियों की बदौलत नहीं बने हैं, बल्कि उन्होंने लगातार अच्छी और आक्रामक पारियां खेली हैं। गेंदबाज उनके सामने वास्तव में लाचार नजर आए हैं। इनमें से ज्यादातर पारियां तब आईं, जब उनकी टीम मुश्किल में थी। इस लिहाज से रसेल के रनों का महत्व और भी बढ़ जाता है।
आरसीबी के खिलाफ पिछले मैच का ही उदाहरण ले लीजिए। जब रसेल बल्लेबाजी करने आए, तब केकेआर का स्कोर 4 विकेट पर 79 रन था। वे 214 रन के लक्ष्य का पीछा कर रहे थे। ऐसे में रसेल ने 25 गेंदों पर 65 रन (करीब 260 का स्ट्राइक रेट) ठोक दिए। नतीजतन टीम को सिर्फ 10 रन से हार मिली।
रसेल की मौजूदगी से केकेआर की गिनती खतरनाक टीमों में
हालांकि केकेआर की टेबल में स्थिति रसेल की फॉर्म को बखूबी बयां नहीं कर पा रही है। टीम ने 9 में से 5 मैच गंवा दिए हैं। इसकी बड़ी वजह है अन्य बल्लेबाजों का खराब प्रदर्शन। क्रिस लिन, कप्तान दिनेश कार्तिक और रॉबिन उथप्पा भी अब तक औसत प्रदर्शन ही कर पाए हैं। इसके बाद भी अकेले रसेल की मौजूदगी से केकेआर की गिनती लीग की खतरनाक टीमों में हो रही है। विपक्षी टीमें उनके लिए खास रणनीति बना रही हैं।
रसेल ने बैटिंग ऑर्डर में ऊपर आने की इच्छा जताई
आरसीबी के खिलाफ हार के बाद रसेल ने बैटिंग ऑर्डर में ऊपर आने की इच्छा भी जता दी है। अगर वे नंबर-4 पर आते हैं तो उनके पास ज्यादा गेंदें रहेंगी। यानी और भी आक्रमण देखने को मिल सकता है। रसेल की इस फॉर्म का ही असर है कि ब्रायन लारा और विव रिचर्ड्स जैसे महान पूर्व क्रिकेटरों ने भी उन्हें वेस्टइंडीज की वर्ल्ड कप टीम में लेने की वकालत कर दी है।
हालांकि अगर वर्ल्ड कप में विंडीज की तरफ से क्रिस गेल, कीरोन पोलार्ड, आंद्रे रसेल और सुनील नरेन जैसे खिलाड़ी उतरते हैं तो ये दूसरी टीमों से लिए यकीनन अच्छी खबर नहीं होगी। इधर आईपीएल का औसत सुरक्षित स्कोर पहले सीजन में 140-150 रन था, जो इस सीजन में आते-आते 165+ तक पहुंच गया है। यानी खेल बल्लेबाजों की ओर झुक गया है। यकीनन अब कुछ ऐसे उपाय करने ही होंगे, जिससे बल्ले-गेंद के बीच संतुलन स्थापित हो सके। कम से कम 75 यार्ड पर बाउंड्री रखना इस दिशा में पहला कदम हो सकता है।
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