खेल डेस्क. आप हमारी बल्लेबाजी की आलोचना कर सकते हैं। कह सकते हैं कि आरसीबी के बल्लेबाजी विभाग के प्रदर्शन में निरंतरता नहीं है। आप हमारी गेंदबाजी की आलोचना भी कर सकते हैं। यह भी कह सकते हैं कि अहम मौकों पर हम इस विभाग में हम नियंत्रण नहीं रख सके। यहां तक कि आप हमारी फील्डिंग की भी आलोचना कर सकते हैं और इसे बेहद खरा बता सकते हैं। सब सही है। मगर आरसीबी ने बहुत पहले ही हार के लिए बहानों का सहारा लेना छोड़ दिया है।
हालांकि ईमानदारी से कहूं तो कोई हमारी प्रतिबदधता पर सवाल नहीं उठा सकता। एक महीने पहले जबसे हमने इस लंबे टूर्नामेंट की तैयारी शुरू की थी तब से लेकर अब तक अभ्यास में हमारी मेहनत में जरा भी कमी नहीं आई है। और बेशक किसी न किसी पड़ाव पर हमें इसका कुछ पुरस्कार तो निश्चित रूप से मिलेगा। बेशक यह बातें सुनने में जरूर अच्छी लगती है, लेकिन वह हमारा प्रदर्शन ही होगा जो हमें इस भंवर से बाहर निकालेगा।
जीत की भूख दिखाई देना बेहद जरूरी है। हां, हम लगातार छह मुकाबले हार चुके हैं, लेकिनअब भी हमारे पास आठ मुकाबले हैं। यानी आठ मौके ताकि हमें अपनी क्षमताओं का अहसास हो और हम दिखा सकें कि हम क्या कर सकते हैं।
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