- क्रॉस बॉर्डर फायरिंग और मिसाइल के हमलों से लड़ाकू विमानों को बचाने के लिए सरकार ने इसकी अनुमति दी है। इसमें 5000 करोड़ रुपए खर्च होंगे।
- निर्माणकार्य पूरा होने के बाद सेना अपने फ्रंटलाइन फाइटर जेट्स यहां बिना किसी चिंता के तैनात कर पाएगी। इन विमानों में सुखोई-30 भी शामिल होगा।’
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