नई दिल्ली.नेशनल हेराल्ड मामले में सोनिया-राहुल गांधी को दिल्ली हाईकोर्ट से झटका लगा है। दिल्ली हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस राजेंद्र मेनन और जस्टिस वीके राव की बेंच ने गुरुवार को एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) की हेराल्ड हाउस खाली करने के आदेश पर रोक लगाने की याचिका खारिज कर दी। एकल पीठ ने एजेएल को दिल्ली के आईटीओ स्थित नेशनल हेराल्ड हाउस को खाली करने के आदेश जारी किए थे। अब नेशनल हेराल्ड के प्रकाशक एजेएल को हेराल्ड हाउस खाली करना होगा।
एजेएल के वकील की इमारत खाली करने के लिए दो हफ्ते का वक्त देने की अपील भी बेंच ने खारिज कर दी। दिल्ली हाईकोर्ट की एकल पीठ ने 21 सितंबर को एजेएल को आदेश दिया था कि वह दो सप्ताह के भीतर हेराल्ड हाउस खाली कर दे। इसमें जज ने कहा था कि एजेएल के 99 फीसदी शेयर यंग इंडिया (वाईआई) को ट्रांसफर करने पर उसकी 400 करोड़ से अधिक की संपत्ति भी गोपनीय तरीके से ट्रांसफर हो जाती है। इस निर्णय को एजेएल ने बेंच में चुनौती दी थी। वाईआई में सोनिया, राहुल गांधी शेयरधारक हैं।
केंद्र सरकार की ओर से सॉलीसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा था कि नेशनल हेराल्ड का प्रकाशन एजेएल 2008 में बंद कर चुकी है और कर्मचारियों को वीआरएस दे चुकी है। कंपनी ने लीज की शर्तों का उल्लंघन कर हेराल्ड हाउस को किराए पर दिया था।
एजेएल ने यह दी दलील :एजेएल की ओर से वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा था कि कंपनी के बहुसंख्यक शेयर यंग इंडिया को ट्रांसफर होने से कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और उनकी मां सोनिया गांधी यहां स्थित हेराल्ड इमारत के मालिक नहीं बन जाएंगे। कंपनी के शेयर ट्रांसफर होने का मतलब उसकी संपत्ति शेयरधारकों के नाम करना नहीं होता है।
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