दिल्ली सरकार की अनुमति के बिना भी कन्हैया सहित अन्य पर राजद्रोह की सुनवाई करेगा कोर्ट

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नई दिल्ली.जेएनयू राजद्रोह मामले को लेकर दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने आम आदमी पार्टी सरकार को जमकर लताड़ लगाई। कोर्ट ने साफ कहा कि इस मामले में आप सरकार अगर मुकदमा चलाने की अनुमित नहीं देती तो हम खुद सबूत देखकर कार्रवाई करेंगे। दिल्ली पुलिस इस मामले में चार्जशीट दाखिल कर चुकी है। लेकिन चार्जशीट दाखिल करने से पहले उसने दिल्ली सरकार से अनुमति नहीं ली थी। दिल्ली सरकार लगातार यह कहती रही है कि वह इसका अध्ययन कर रही है। 2016 के इस मामले में अगली सुनवाई 11 मार्च को होगी।

मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट दीपक सहरावत को गुरुवार को मामले के जांच अधिकारी ने बताया कि राज्य सरकार ने दिल्ली पुलिस को अभी तक केस चलाने की मंजूरी नहीं दी है। इस पर मजिस्ट्रेट ने कहा, आप (दिल्ली पुलिस) ने चार्जशीट दायर करने में तीन साल लगाए। अब वे (आप सरकार) भी तीन साल लगाएंगे।

मंजूरी दी जाए या न दी जाए, लेकिन अदालत मामले पर आगे बढ़ेगी। अदालत ने पुलिस का पक्ष सुनने के बाद कहा कि वह घटना के वीडियो देखेगी। यह मामला फरवरी, 2016 की घटना से जुड़ा है, जिसमें जेएनयू परिसर में संसद पर हमले के मास्टरमाइंड अफजल गुरू को फांसी पर लटकाए जाने के खिलाफ कार्यक्रम आयोजित किया गया था। दिल्ली पुलिस ने 14 जनवरी को कन्हैया कुमार, उमर खालिद, अनिर्बान भट्टाचार्य व सात अन्य कश्मीरी छात्रों के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया था।

डेढ़ महीने से दिल्ली सरकार के पास है जेएनयू मामले के अभियोजन की फाइल :जेएनयू मामले के अभियोजन अनुमति से संबंधित फाइल दिल्ली सरकार के पास 14 जनवरी, 2019 को आई थी। अभी तक पुलिस विभाग, गृह विभाग और विधि विभाग ने फाइल का अध्ययन कर चुकी है। अभी फाइल कानून मंत्री के पास है।

नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता के जेएनयू मामले में अभियोजन की अनुमति में देरी के कारण पर पूछे गए अतारांकित प्रश्न के जवाब में गृह विभाग के विशेष सचिव ओपी मिश्रा ने बताया कि मामला विचाराधीन है। अपराध प्रक्रिया संहिता, 1973 की धारा 196 के अनुसार अभियोजन की अनुमति देने के लिए सक्षम प्राधिकारी राज्य सरकार है।

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कन्हैया कुमार (फाइल फोटो)

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