‘हमला अपेक्षित था, कई देश भारत के साथ; पाक चाहकर भी बड़ा कदम नहीं उठा पाएगा’

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नई दिल्ली. पाकिस्तान के बालाकोट में जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी ट्रेनिंग कैम्प पर भारतीय वायुसेना की कार्रवाई को लेकरवर्ल्ड मीडिया ने अलग-अलग प्रतिक्रिया दी है। द न्यूयॉर्क टाइम्स ने लिखा है कि अगर दोनों देशों ने संयम नहीं बरता तो हालात और बिगड़ेंगे। द गार्डियन ने कहा कि अगर पाकिस्तान ने जंग छेड़ दी तो उसे यह आर्थिक रूप से बहुत महंगी पड़ेगी। वहीं, अल जजीरा ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया कि भारत का यह हमला अपेक्षित था। अगर सऊदी अरब के प्रिंस भारत-पाक के दौरे पर न जाते तो यह हमला और पहले ही हो जाता। चीन के सरकारी मीडिया का कहना है कि कई देश भारत के साथ हैं। मौजूदा हालात को मोदी सरकार ही संभाल सकती है।

1) द न्यूयाॅर्क टाइम्स ने लिखा- दोनों देशों ने अभी भी तनाव कम करने की गुंजाइश छोड़ी

अमेरिकी अखबार द न्यूयॉर्क टाइम्स ने लिखा, ‘‘पांच दशक में पहली बार भारतीय वायुसेना के विमान सीमा पार कर पाकिस्तान में घुसे। भारत-पाक एलओसी पर आमतौर पर गोलाबारी करते रहते हैं, लेकिन इस बार हवाईहमला हुआ। ऐसा प्रतीत हो रहा है कि मौजूदा हालात संभलने की बजाय और बिगड़ रहे हैं। अगर दोनों ने अब संयम नहीं बरता तो यह संकट और गंभीर हो जाएगा। हालांकि,दोनों देशों ने अभी भी तनाव कम करने की गुंजाइश छोड़ रखी है।’’

न्यूयॉर्क टाइम्स ने बालाकोट के रहने वाले एक व्यक्ति के हवाले से लिखा कि मंगलवार तड़के उसे जोरदार धमाकों की आवाजें सुनाई गई थीं। वहीं, डिफेंस इंडस्ट्री पर नजर रखने वाले लंदन स्थित जेन इन्फॉर्मेशन ग्रुप के एनालिस्ट राहुल बेदी के हवाले से अखबार ने लिखा कि पाकिस्तान प्रतिक्रिया देगा, लेकिन इस बार उसकी प्रतिक्रिया पारंपरिक होगी। इस बार वह किसी आतंकी संगठन की तरह प्रतिक्रिया नहीं दे पाएगा।

2) भारत के बयान को मानें तो मौजूदा संघर्ष जंग में नहीं बदलेगा : वॉशिंगटन पोस्ट
अमेरिकी अखबार वॉशिंगटन पोस्ट ने लिखा कि 1971 की जंग के बाद भारत ने एलओसी पार अपने लड़ाकू विमान भेजे। पिछली बार दोनों देशों के बीच ऐसा तनाव 1999 में करगिल की जंग के वक्त पैदा हुआ था। भारत ने कहा है कि उसका निशाना पाकिस्तान की सेना नहीं थी, बल्कि वह जैश-ए-मोहम्मद के खिलाफ कार्रवाई चाहता था। इससे कहा जा सकताहै कि मौजूदा संघर्ष अब जंग जैसे हालात में तब्दील नहीं होगा। वहीं, अमेरिका ने 14 फरवरी के हमले के बाद भारत का समर्थन किया है। हमले के दो दिन अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन बोल्टन ने कहा था कि भारत को आत्मरक्षा का अधिकार है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने भी कहा था कि भारत किसी मजबूत कदम के बारे में सोच रहा है।

3) 1971 की जंग के बाद भारतीय विमानों ने पहली बार एलओसी पार की : गार्डियन
ब्रिटिश अखबार द गार्डियन ने अपनी वेबसाइट पर ‘इंडिया लॉन्चेज एयरस्ट्राइक ऑन पाकिस्तान एक्रॉस कश्मीर बॉर्डर’ शीर्षक से दी गई खबर में लिखा, ‘‘1971 के बाद भारत ने पहली बार एलओसी पार की है। लेकिन इस बारे में पाकिस्तान का दावा है कि उसे कोई नुकसान नहीं हुआ। हालांकि, भारत में इस हमले को लेकर बड़े पैमाने पर जश्न मनाया गया। भारत की इस कार्रवाई से 14 फरवरी को हुए फिदायीन हमले के बाद जनता में उबल रहे गुस्से को शांत करने में जरूर मदद मिली होगी।’’

गार्डियन ने ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन के रिसर्च फैलो खालिद शाह के हवाले से लिखा कि अगर पाकिस्तान जंग में कूदा तो उसके लिए खेल एकदम बदल जाएगा। उसे यह जंग आर्थिक रूप से बहुत महंगी पड़ेगी।

4) चीन के मीडिया ने भी माना- भारत का हमला कामयाब रहा
चीन के सरकारी मीडिया चायना डेली ने अपनी वेबसाइट में लिखा कि पाकिस्तान का यह कहना है कि भारतीय विमानों ने एलओसी पार की है। वहीं, चीन की सरकारी न्यूज एजेंसी शिन्हुआ ने भारतीय सेना के एक उच्च पदस्थ सूत्र के हवाले से लिखा कि भारत ने 20 मिनट हवाई कार्रवाई की और यह ऑपरेशन कामयाब रहा है।

5) हमला अपेक्षित था, लेकिन सऊदी प्रिंस के दौरे की वजह से टल गया था : अल जजीरा
अल जजीरा ने लिखा कि भारत ने पाकिस्तान को मजबूत संकेत दे दिए हैं। कश्मीर में हमले के बाद भारत की सरकार पर बहुत ज्यादा दबाव था। हमला अपेक्षित था। लेकिन इसमें देरी की वजह यह थी कि सऊदी अरब के प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान पहले पाकिस्तान और फिर भारत के दौरे पर थे। हर कोई जानता था कि जल्द ही कुछ होने वाला है।

6) पाक चाहकर भी जवाबी कार्रवाई नहीं कर सकता क्योंकिअंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारतमजबूत- गल्फ न्यूज

गल्फ न्यूज ने लिखा कि पाकिस्तान सेना ने भी पहले मान लिया था कि भारतीय विमान उसके क्षेत्र में आकर चार बम गिरा गए हैं। हालांकि बाद में पाकिस्तान ने भारत की कार्रवाई को ज्यादा तवज्जो नहीं दी। मौजूदा हालात बताते हैं कि पाकिस्तान चाहकर भी जवाबी कार्रवाई नहीं कर पाएगा, क्योंकि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की स्थिति मजबूत है। उसने इस हमले के साथ दुनिया को बता दिया है कि अगर उसके सैनिकों पर नृशंस हमला होता है तो वह चुप नहीं बैठेगा।

7) ईरान के अखबार तेहरान टाइम्स ने अपनी वेबसाइट पर अजीब तर्क दिए हैं। उसने लिखा कि भारतीय मीडिया अमेरिका के हाथों में खेल रहा है। वहीं, अमेरिका भारत और चीन के बीच तनाव बढ़ा रहा है।

8) कई देश भारत के साथ, मोदी सरकार ही संभाल सकती है हालात : ग्लोबल टाइम्स
चीन के अखबार ग्लोबल टाइम्स ने लिखा कि अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी और ऑस्ट्रेलिया भारत के साथ खड़े हैं। साफ है कि वे चाहते हैं कि भारत-पाक के बीच तनाव बढ़े और इस तरह चीन को दबाव में लाया जा सके। अगर भारत ने इससे आगे कुछ किया तो भारत-पाक के बीच सैन्य संघर्ष अब तक के सबसे बड़े स्तर पर पहुंच जाएगा। इस हालात को संभालना अब सिर्फ मोदी सरकार के हाथ में है।

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