नई दिल्ली. भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के बालाकोट में जिस आतंकी कैम्प को निशाना बनाया, उसे जैश-ए-मोहम्मद सरगना मसूद अजहर का रिश्तेदार अजहर यूसुफ उर्फ उस्ताद गोरी चलाता था। यूसुफ ने ही मसूद के भाई इब्राहिम अजहर के साथ मिलकर 1999 में इंडियन एयरलाइन्स का विमान काठमांडो एयरपोर्ट से हाईजैक किया था। इस विमान को ये आतंकी अफगानिस्तान के कंधार ले गए थे। 176 यात्रियों की सुरक्षा के बदले भारत को मसूद अजहर समेत आतंकियों को रिहा करना पड़ा था।
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पुलवामा हमले के जवाब में भारतीय वायुसेना ने आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के खिलाफ यह कार्रवाई मंगलवार तड़के 3:50 बजे की। 12 मिराज-2000 लड़ाकू विमानों ने बालाकोट में 15 मिनट में 6 बम बरसाए। इसमें फिदायीन हमलों के 25 ट्रेनर समेत 350 आतंकी मारे गए।
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कैम्प में फाइव स्टार होटल जैसी सुविधाएं मौजूद थीं। बालाकोट एबटाबाद के पास है और एलओसी से करीब 80 किलोमीटर दूर है। एबटाबाद में ही अमेरिकी सेना ने अलकायदा प्रमुख ओसामा बिन लादेन को मारा था।
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जब वायुसेना ने सर्जिकल स्ट्राइक की, तब ट्रेनिंग कैम्प में मौजूद सभी आतंकी सो रहे थे। पाकिस्तान एजेंसियों को भी इस बात का अंदाजा नहीं था कि देश के अंदर कोई हमला होगा। उन्हें एलओसी के पास पीओके स्थित कैम्पों पर सर्जिकल स्ट्राइक का शक था।
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भारत को खुफिया जानकारी मिली थी कि जैश ने बड़ी संख्या में आतंकियों और ट्रेनरों को बालाकोट स्थित कैम्प में शिफ्ट किया है। इस कैम्प में 500-700 लोगों के रहने की व्यवस्था थी। किसी रिजॉर्ट की तरह बने इस कैम्प में स्वीमिंग पूल से लेकर खाने तक की सारी व्यवस्था थी।
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वायुसेना ने इस हमले में जैश के चीफ मसूद अजहर के साले अजहर यूसुफ और इब्राहिम अजहर को निशाना बनाया। यूसुफ के खिलाफ 2000 में इंटरपोल ने लुक आउट नोटिस जारी किया था।
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इस कैम्प में आतंकियों को जंग लड़ने की ट्रेनिंग दी जाती थी। पाक आर्मी के पूर्व अफसर ट्रेनर होते थे। इसमें मसूद अजहर आतंकियों को जिहाद के लिए उकसाता था। इसमें आतंकियों को आधुनिक हथियार चलाने की ट्रेनिंग दी जाती थी। जैश से पहले इस कैम्प का इस्तेमाल आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिद्दीन करता था।