श्रीनगर. जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने रविवार को एडमिनिस्ट्रेटिव काउंसिल की अनौपचारिक बैठक ली। इसमें पुलवामा हमले और उसके बाद हुए बदलावों की समीक्षा की गई। राज्यपाल ने साफ किया कि कश्मीर में अतिरिक्त सैन्य बलों की तैनाती चुनाव के मद्देनजर की जा रही है। उन्होंने लोगों से किसी भी तरह की अफवाहों पर ध्यान न देने की अपील की। दरअसल हाल में कश्मीर में 10 हजार जवान तैनात करने और मेडिकल स्टाफ की छुट्टियां रद्द होने जैसे फैसलों को स्थानीय लोगों को लगने लगा था कि भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध जैसे हालात बन गए हैं। राज्यपाल ने इसी आशंका को खारिज करते हुए लोगों से कहा कि घबराने की जरूरत नहीं है।
चुनाव के लिए हुई है जवानों की तैनाती…
– राज्यपाल मलिक ने कहा, 'लोकसभा चुनाव में उम्मीदवार और मतदाताओं के खिलाफ आतंकी गतिविधियां बढ़ने की आशंका है। इसलिए बड़ी संख्या में अतिरिक्त जवानों की जरूरत होगी। उन्होंने बताया कि प्रदेश में एलपीजी का स्टॉक नहीं है। राष्ट्रीय राजमार्ग के 11 दिन बंद रहने से जम्मू से श्रीनगर के बीच आपूर्ति प्रभावित हुई है। प्रशासन इसे बेहतर बनाने के लिए जरूरी कदम उठा रहा है।'
– राज्यपाल ने लोगों से अपील करते हुए कहा कि सुरक्षाबलों की तैनाती को केवल चुनाव कराने तक ही देखा जाना चाहिए और इसे किसी अन्य कारण से नहीं जोड़ा जाना चाहिए। उनके मुताबिक, ये अफवाहें लोगों के मन में अकारण डर का माहौल पैदा कर रही हैं, जिससे तनाव और सामान्य जीवन में व्यवधान पैदा हो रहा है। कर्फ्यू और अन्य कार्यों के बारे में अफवाहों पर विश्वास नहीं किया जाना चाहिए।
इन कदमों के बाद लोगों को सताने लगा युद्ध का डर
– गृह मंत्रालय ने शनिवार को सर्कुलर जारी कर जम्मू-कश्मीर में सेंट्रल आर्म्ड पुलिस फोर्स (सीएपीएफ) की 100 अतिरिक्त कंपनियां यानी करीब 10 हजार जवान तैनात करने के आदेश दिए थे। सर्कुलर में सीआरपीएफ को तत्काल प्रभाव से इन कंपनियों को तैनात करने की जिम्मेदारी दी गई है।
– इसके अलावा कश्मीर में पुलिस और अर्ध सैन्य बलों को हाई अलर्ट पर रखा गया है। यासीन मलिक और अब्दुल हमीद फयाज समेत अलगाववादी संगठनों के करीब 150 नेताओं और कार्यकर्ताओं को भी हिरासत में भी लिया गया।
मेडिकल स्टाफ की छुट्टियां रद्द,राशनदुकानों में पर्याप्त स्टॉक रखने के निर्देश
– श्रीनगर मेडिकल कॉलेज के स्टाफ की शीतकालीन छुट्टियां भी रद्द कर दी गईं। उन्हें हर हालत में सोमवार तक काम पर लौटने के आदेश दिए गए। राज्य के खाद्य आपूर्ति विभाग ने सरकारी राशन की दुकानों में राशन का पर्याप्त स्टॉक रखने के निर्देश दिए। रविवार को भी दुकानें खुलीं।
– इस तरह के सरकारी आदेश जारी होने से शनिवार को स्थानीय लोग रोजमर्रा इस्तेमाल की चीजों को जमा करने लगे। किराना दुकानों पर सामान खरीदने वालों की भीड़ लगी रही। पेट्रोल पंपों पर भी वाहनों की लंबी कतारें नजर आईं। शुक्रवार रात 1.30 बजे तक लगातार लड़ाकू विमानों गड़गड़ाहट सुनाई दीं। हालांकि, वायुसेना के अधिकारियों ने भी इसे सामान्य अभ्यास बताया था।
J&K Raj Bhavan: Governor appealed to ppl that induction of forces be seen only in context of conducting elections. The Governor appealed to the people not to believe in rumours of any extreme nature which are circulating widely in some quarters and to remain calm. https://t.co/CUZpxnjX4n
— ANI (@ANI) 24 February 2019
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J&K Governor Satya Pal Malik called an informal meeting of State Administrative Council to review current situation particularly in the context of #PulwamaTerrorAttack&subsequent developments. He was informed of gradual induction of additional Central Forces for election purposes pic.twitter.com/KEYl1K3Lnm
— ANI (@ANI) 24 February 2019
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J&K Raj Bhavan:100 companies of Central Forces being inducted at the moment. More would be inducted in coming weeks. Larger additional police forces are needed for Lok Sabha polls due to possibility of increase in terror activities against candidates&voters on a much larger scale https://t.co/fe1yYOVenP
— ANI (@ANI) 24 February 2019
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J&K Raj Bhavan: There is no stock of LPG, a result of earlier blockage of National Highway for 7 days & ongoing blockage for the past 4 days, leading to disruption of supplies from Jammu to Srinagar. The government is taking measures to enhance the supplies to the Kashmir region https://t.co/fe1yYOVenP
— ANI (@ANI) 24 February 2019
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J&K Raj Bhavan: Divisional Commissioner, Kashmir rationed petrol&diesel supply to conserve whatever is available for emergency purposes. Steps being taken to increase availability of stocks in valley. Public should see it only as an administrative measure in a shortage situation. https://t.co/gu5yIE5xVo
— ANI (@ANI) 24 February 2019
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