प्राकृतिक भाषा संसाधन और फेडरेटेड लर्निंग पर हुई चर्चा

संजय सिंह

चुर्क-सोनभद्र। बुधवार को राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेज सोनभद्र में चल रहे ईपेंस 2025 के चौथे दिन भी तकनीकी सत्रों ने शोधकर्ताओं और विद्यार्थियों को आधुनिक तकनीकों की गहरी समझ प्रदान की। इस दिन जेनरेटिव एआई, प्राकृतिक भाषा संसाधन (NLP) और फेडरेटेड लर्निंग जैसे उभरते हुए विषयों पर विशेषज्ञों ने व्याख्यान दिए। जिनमें छात्रों की विशेष भागीदारी देखने को मिली।कार्यक्रम की शुरुआत डॉ. नवीन सैनी (आईआईआईटी इलाहाबाद) के व्याख्यान से हुई जिसमें उन्होंने “जेनरेटिव एआई और इसके वास्तविक जीवन पर प्रभाव” पर

विस्तार से चर्चा की। उन्होंने बताया कि कैसे जेनरेटिवए आई तकनीकें, जैसे कि चैटबॉट्स और इमेज जनरेशन मॉडल, विभिन्न उद्योगों में क्रांतिकारी बदलाव ला रही हैं।
दूसरे सत्र में डॉ. अवधेश कुमार (बीएचयू, वाराणसी) ने “प्राकृतिक भाषा संसाधन (NLP)” पर व्याख्यान दिया। उन्होंने भाषा मॉडल, टेक्स्ट प्रोसेसिंग और एनएलपी के उपयोग को समझाया और बताया कि कैसे यह तकनीक मशीन अनुवाद, वॉयस असिस्टेंट और डेटा विश्लेषण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। छात्रों ने इस विषय में गहरी रुचि दिखाई और भाषा मॉडल की कार्य प्रणाली पर प्रश्न पूछे। अंतिम सत्र में डॉ. ओम जी पांडेय (आईआईटी-बीएचयू, वाराणसी) ने “फेडरेटेड लर्निंग” विषय पर अपना व्याख्यान प्रस्तुत किया। उन्होंने बताया कि यह तकनीक कैसे डेटा गोपनीयता बनाए रखते हुए वितरित मशीन लर्निंग को संभव बनाती है। प्रतिभागियों ने फेडरेटेड लर्निंग के अनुप्रयोगों और इसकी चुनौतियों पर गहन चर्चा की ईपेंस 2025 का यह सत्र आधुनिक प्रौद्योगिकियों को समझने और नवाचार को बढ़ावा देने की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम साबित हुआ।

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