लाइफस्टाइल डेस्क. जापान में 400 साल पुराने शिंपाकु जुनिपर समेत सात बोन्साई पेड़ चोरी होने के बाद मालिक ने चोरों को उनकी देखभाल को लेकर सलाह दी है। उनके मालिक कपल ने लिखा, हमने इन्हें बच्चों की तरह पाला है…कैसा महसूस कर रहे हैं यह बताने के लिए हमारे पास शब्द नहीं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इन पौधों की कीमत ₹83 लाख है।
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टोक्यो के रहने वाले सेजी लिम्यूरा बोनसाई की देखभाल का काम करते हैं। पिछली पांच पीढ़ियों से घर का व्यवसाय यही रहा है। उनके मुताबिक, बगीचे से सात पेड़ों की चोरी हुई है। जो हमारे लिए पुश्तैनी खजाने से कम नहीं है। घटना के बाद सेजी की पत्नी ने फेसबुक पर चोरों से अपील करते हुए लिखा, ये पौधे हमारे बच्चे की तरह हैं। इनका ध्यान रखना।
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लिम्यूरा ने 3 हजार पौधों को 5 हजार स्क्वैयर मीटर के बगीचे में डिस्पले के लिए रखा था ताकि यहां आने वाले लोग बोनसाई की खूबसूरती से रूबरू हो सकें। बगीचा काफी प्रसिद्ध होने के कारण 400 साल पुराने बोनसाई को भी प्रदर्शनी का हिस्सा बनाया गया था। इसके लिए किसी तरह की सुरक्षा के इंतजाम नहीं किए गए थे।
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सेजी ने चोरी की शिकायत पुलिस स्टेशन में दर्ज कराई है। लिम्यूरा का कहना है कि मैं उन पौधों कभी बेचना तक नहीं चाहता था। मैं ऐसे चोरों से नफरत करती हूं लेकिन उनसे एक बात कहना चाहती हूं कि पौधों को समय पर पानी जरूर दें और उनकी देखभाल करें। अगर वो पौधे नहीं रहे तो मुझे बहुत दु:ख होगा। उनकी देखभाल की जाए तो वो हमेशा रहेंगे भले हम जिंदा रहें या न रहें।
जापानी भाषा में बोनसाई का मतलब है बौने पौधे। इन्हें तैयार और देखभाल करने की तकनीक भी खास होती है। जापानी तकनीक से पौधों को छोटा और आकर्षक रूप दिया जाता है। इस कला तहत पौधों को सुन्दर आकार देना, सींचने की खास विधि तथा एक गमले से निकालकर दूसरे गमले में रोपित करने की विधियां काफी अलग होती हैं। बोनसाई पौधों को गमले में इस प्रकार उगाया जाता है कि उनका प्राकृतिक रूप तो बना रहे लेकिन वे आकार में बौने रह जाएं। इसे पूरे घर में कहीं भी रखा जा सकता है।
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