नई दिल्ली. वित्त मंत्रालय ने उम्मीद जताई है कि इस साल जून के आखिर तक आरबीआई की प्रॉम्प्ट करेक्टिव एक्शन (पीसीए) लिस्ट से सभी बैंक बाहर हो जाएंगे। क्योंकि, उनका एनपीए स्तर 6% के दायरे में आ जाएगा। पीसीए लिस्ट में शामिल बैंकों के लिए रिकैपिटलाइजेशन के लिए दिसंबर और जनवरी में कदम उठाए जा चुके हैं।
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पिछले महीने बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ महाराष्ट्र और ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स पिछले महीने पीसीए लिस्ट से बाहर हो चुके हैं। देना बैंक और आईडीबीआई बैंक के भी जल्द पीसीए लिस्ट से हटने की उम्मीद है।
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न्यूज एजेंसी ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि बचे हुए 6 बैंक भी जून तक एनपीए को कम कर पीसीए से निकल जाएंगे। इनमें इलाहाबाद बैंद, यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया, कॉरपोरेशन बैंक, यूको बैंक, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया और इंडियन ओवरसीज बैंक शामिल हैं।
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वित्त मंत्रालय के की ओर से किसी बैंक को कोई डेडलाइन नहीं दी गई है। अधिकारियों का कहना है कि बैंकों का खुद का लक्ष्य होना चाहिए कि वो जल्द से जल्द पीसीए से बाहर आ जाएं।
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एनपीए, रिटर्न ऑफ असेट्स, और कैपिटल टू रिस्क वेटेड असेट्स रेश्यो के मापदंड़ों का उल्लंघन करने पर किसी बैंक को पीसीए लिस्ट में डाल दिया जाता है। ऐसे बैंकों पर कर्ज बांटने और गैर जरूरी खर्चों पर रोक लागू हो जाती है।