वॉशिंगटन. बायोफार्मा कंपनी बायोकॉन की चेयरपर्सन किरण मजूमदार शॉ अमेरिका की नेशनल एकेडमी ऑफ इंजीनियरिंग (एनएई) की मेंबर चुनी गई हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक किरण यह अंतरराष्ट्रीय सम्मान पाने वाली पहली भारतीय महिला हैं। भारत में सस्ती दवाएं बनाने और बायोटेक इंडस्ट्री में योगदान के लिए किरण को अमेरिका ने यह सम्मान दिया है।
#ProudMoment for Biocon as #CMD @kiranshaw has been elected to US based National Academy of Engineering. She is among the 18 foreign members who will be inducted! Election to NAE is among the highest professional distinctions accorded to an engineer. Read: https://t.co/6ykgVVVb6F pic.twitter.com/JTwlZAk2vA
— Biocon (@Bioconlimited) February 8, 2019
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किरण ने कहा है कि मेरे लिए यह बड़ा सम्मान है। मैं आभारी हूं कि इंजीनियिरंग, टेक्नोलॉजी और जीवन स्तर के बीच संबंधों पर आधारित प्रोजेक्ट्स में लीडरशिप वाले संस्थान ने मुझे मेंबर चुना है।
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किरण का कहना है कि दुनिया के सामने आज जो बड़ी चुनौतियां हैं उनसे निपटने में विज्ञान और तकनीकी अहम तत्व हैं। रिसर्च और इनोवेशन को बढ़ावा देने में एनएई प्रमुख भूमिका निभा रहा है।
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अमेरिका की नेशनल एकेडमी ऑफ इंजीनियरिंग (एनएई) ने इस साल 18 विदेशी मेंबर चुने हैं। इनमें सिर्फ 2 भारतीय हैं। किरण मजूमदार शॉ के अलावा विजयवाड़ा की के एल यूनिवर्सिटी के पूर्व चांसलर एम राममूर्ति भी सदस्य चुने गए हैं। उन्हें पावर इंजीनियरिंग में रिसर्च के लिए चुना गया है।
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एनएई के लिए चुना जाना इंजीनियिरंग के क्षेत्र में दुनिया के सबसे बड़े सम्मानों में से एक है। इंजीनियरिंग में रिसर्च, एजुकेशन, डेवलपमेंट और इनोवेशन में विश्व स्तरीय काम करने वालों को यह सम्मान दिया जाता है।
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एनएई एक निजी संस्थान है। यह नेशनल एकेडमिक्स ऑफ साइंसेज, इंजीनियरिंग, और मेडिसिन का हिस्सा है। इसके 2,000 से ज्यादा मेंबर हैं।