नासिक (संजय भड).कश्मीर में 1947 और बांग्लादेश में 1971 के मुक्ति संग्राम में अहम भूमिका निभाने वाला लड़ाकू विमान डकोटा शुक्रवार को हिंडन एयरबेस से नासिक पहुंचा। विमान बेंगलुरू में होने वाले एयरो इंडिया शो में विमानों की परेड में शामिल होगा। लेकिन, इस बार नए नाम ‘परशुराम’, टाइगर मोथ और हॉवर्ड के साथ ‘विंटेज फ्लाय’ टीम के सदस्य के तौर पर जाना जाएगा।
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एयर शो 22 से 24 फरवरी तक चलेगा। विंग कमांडर अनुपम बैनर्जी ने बताया कि 1944 में इस विमान को बनाया गया था। इसका इस्तेमाल 1947 के भारत-पाक युद्ध के दौरान सिख रेजिमेंट के जवानों को श्रीनगर ले जाने में हुआ था। डकोटा को गूनी बर्ड भी कहा जाता था। यह भारतीय वायुसेना में शामिल होने वाला पहला बड़ा ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट था।
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राज्यसभा सदस्य राजीव चंद्रशेखर ने यूके में डकोटा डीसी-3 वीपी 905 विमान को कबाड़ से खरीदा था। वहीं इसे दोबारा तैयार कराया गया। राजीव के पिता एयर कमोडोर (रिटायर्ड) एमके चंद्रशेखर ने किसी जमाने में इसे उड़ाया है। उन्होंने ही पिछले साल वायुसेना दिवस पर इसे एयरफोर्स को सौंपा था। इसके बाद ही वायुसेना और री-फ्लाइट एयरवर्क्स का जॉइंट क्रू 17 अप्रैल, 2018 को इसे लेकर भारत आया था।
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1971 में वायुसेना से रिटायर होने के बाद यह कबाड़ हो गया था। दोबारा बनाने में इसके मूल ढांचे में कोई बदलाव नहीं किया गया है। लेकिन आधुनिक जरूरतों को ध्यान में रखकर इंजन, रेडियो सिस्टम अाैर अंदरूनी सुविधाओं को बढ़ाया गया है। 100 एलएल फ्यूल इस्तेमाल होता था, अब भी वही इस्तेमाल आ रहा है। नासिक एयरफोर्स बेस के ग्रुप कैप्टन अजय मेनन औरशुभांशु शुक्ला ही इसे ब्रिटेन से पिछले साल अप्रैल में भारत लेकर आए थे।