नई दिल्ली (शरद पाण्डेय). देश में सड़कों पर दौड़ने वाले सभी वाहन बीमा करा लें तो इसका प्रीमियम आधा हो सकता है। सड़क परिवहन मंत्रालय अधिक से अधिक वाहनों का थर्ड पार्टी इंश्योरेंस कराने के लिए पुलिस की मदद ले रहा है। पहली बार सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों और डीजीपी को जारी निर्देश का सख्ती से पालन करने को कहा गया है। अभी तक सिर्फ प्रदेश के प्रमुख सचिव को ही निर्देश दिए जाते थे।
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मंत्रालय के एक अधिकारी के अनुसार शहरों में ज्यादातर लोग वाहनों का बीमा कराते हैं, लेकिन ग्रामीण इलाकों में इसकी संख्या कम है। देशभर में 50% से अधिक वाहन बगैर बीमा के हैं। वाहन चालक नए वाहन का बीमा तो कराते हैं, लेकिन 5-7 साल पुराने वाहनों का नहीं। इनमें दोपहिया वाहनों की संख्या सबसे अधिक है।
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परिवहन मंत्रालय ने मुख्य सचिव के साथ-साथ डीजीपी को निर्देश जारी किया है कि वाहनचालक भले वाहन का कॉम्प्रिहेंसिव बीमा न कराए, थर्ड पार्टी बीमा जरूर कराया जाए। यानी गाड़ी चोरी होने पर भले लाभ न मिले। लेकिन वाहन की टक्कर से घायल हुए व्यक्ति को मुआवजा जरूर मिल पाए।
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मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि आधे लोगों के बीमा नहीं कराने से अभी उन लोगों को अधिक प्रीमियम देना पड़ रहा है जो बीमा कराते हैं। हर वाहन के लिए थर्ड पार्टी इंश्योरेंस कराना पहले ही अनिवार्य किया जा चुका है। ऐसा न करने पर वाहनचालक पर 1,000 रुपए जुर्माना या जेल तक का प्रावधान तक है।
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राजधानी दिल्ली के जॉइंट कमिश्नर (ट्रैफिक) अशोक कुमार ने कहा, मंत्रालय के निर्देश के बाद थर्ड पार्टी इंश्योरेंस कराने के लिए सख्ती बरती जाएगी। ऐसा न करने वाले वाहनों का अधिक चालान किया जाएगा।
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श्रेणी मौजूदा प्रीमियम (रुपए) संभावित (रुपए) कमी 1,000 सीसी से कम 1,850 1,000 46% 1,000 से 1,500 सीसी 2,863 1,500 48% 1,500 सीसी से अधिक 7,890 4,000 49% 75 सीसी से कम 427 250 41% 75 से 150 सीसी 720 350 51% 150 से 350 सीसी 985 500 49% 350 सीसी से ऊपर 2,323 1,500 35%