गैजेट डेस्क। वॉट्सऐप ने पिछले पिछले तीन महीनों में 60 लाख से ज्यादा अकाउंट को बैन कर दिया है। कंपनी ने ये कदम फेक न्यूज और प्लेटफॉर्म का अनुचित उपयोग करने वालों के खिलाफ उठाया। पिछले तीन महीने में हर माह 20 लाख अकाउंट कंपनी ने बैन किए।
कैसे किया आइडेंटिफाई
– वॉट्सऐप ने बताया कि, कंपनी ने कृत्रिम मशीन लर्निंग सिस्टम तैयार किया है। इसके जरिए अब्यूसिव बिहेवियर को डिटेक्ट किया जाता है।
– कोई ऐसा फोन नंबर जिसने अब्यूसिव बिहेवियर किया है या ऐसा कोई कम्प्यूटर नेटवर्क जिसका इस्तेमाल संदिग्ध गतिविधि के लिए किया गया है तो ऐसे सिस्टम से होने रजिस्ट्रेशन को ही सिस्टम बैन कर देता है। यानी ऐसे सिस्टम से वॉट्सऐप की रजिस्ट्रेशन प्रॉसेस ही पूरी नहीं हो पाती।
– पिछले तीन महीने में करीब 20 परसेंट अकाउंट रजिस्ट्रेशन टाइम के जरिए ही बैन किए गए।
24 घंटे रखी जा रही नजर
– कंपनी का कहना है कि हमारा मकसन अब्यूसिव अकाउंट्स को आइडेंटिफाई करके जल्द से जल्द बैन करने का है। यह काम मैन्युअली पॉसिबल नहीं है। इसलिए मशीन लर्निंग सिस्टम के जरिए ऐसा किया जा रहा है। इसके जरिए 24 घंटे, सातों दिन यह काम जारी है।
– वॉट्सऐप का यह सिस्टम तीन स्टेज में काम करता है। रजिस्ट्रेशन, मैसेजिंग और निगेटिव फीडबैक। यूजर रिपोर्ट और ब्लॉक्स के आधार पर भी कंपनी ऐसी कार्रवाई करती है।
– बता दें हर अकाउंट को रजिस्ट्रेशन प्रॉसेस से गुजरना जरूरी है। रजिस्ट्रेशन के दौरान वॉट्सऐप टेम्परेरी कोड एसएमएस के जरिए भेजता है। वन टाइम कोड डालने के बाद ही रजिस्ट्रेशन प्रॉसेस पूरी हो पाती है।
– वॉट्सऐप रियल टाइम में भी अकाउंट्स का बिहेव चेक करता है। यूजर एक्टिविटी के आधार पर भी अकाउंट को बैन किया जाता है। जैसे, ऐसे अकाउंट यूजर जो रजिस्ट्रेशन के पांच मिनट के अंदर 100 मैसेज भेज दे और 15 सेकंड्स या जल्द ही दर्जनों ग्रुप क्रिएट कर दे या मौजूदा ग्रुप में बड़ी संख्या में यूजर को जोड़े तो ऐसे अकाउंट्स को भी बैन किया जा सकता है।
– इसके बाद जिन यूजर्स के अकाउंट को दूसरे यूजर बैन कर रहे हैं और निगेटिव फीडबैक दे रहे हैं, तो अकाउंट्स पर भी कंपनी नजर रखती है और जरूरी एक्शन ले रही है।
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