नई दिल्ली. दिल्ली से मुंबई जा रहे गोएयर के ए320 विमान के पायलटों ने 3330 फीट की ऊंचाई पर गलती से सही इंजन को ही बंद कर दिया था। डीजीसीए (डायरेक्टरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन) ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि उड़ान भरते समय एक पक्षी विमान के दो नंबर इंजन से टकरा गया था। इंजन में तेज आवाज आने लगी तो पायलटों ने एहतियात के तौर पर उसे बंद करने का फैसला लिया। लेकिन गलती से इंजन नंबर 1 को ही बंद कर दिया। लगभग 3 मिनट तक विमान एक इंजन पर उड़ता रहा।
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एजेंसी के सूत्रों का कहना है कि यह घटना 21 जून 2017 को सुबह 5.58 बजे हुई थी। दिल्ली एयरपोर्ट पर उड़ान भरते समय विमान से एक पक्षी टकरा गया था। इससे इंजन नंबर 2 में तेज आवाज होने लगी।
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डीजीसीए ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि क्रू मेंबर्स को इंजन की खराबी का पता लग गया था। लेकिन पायलट इंचार्ज ने उड़ान को जारी रखने का फैसला लिया। वो शायद समझते थे कि उड़ान भरने के बाद समस्या का समाधान निकाल लिया जाएगा। खराबी दूर नहीं हुई तब 3330 फीट की ऊंचाई पर पहुंचने के बाद उन्होंने इंजन नंबर 2 को बंद करने का फैसला लिया। लेकिन गलती से इंजन नंबर 1 बंद हो गया।
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गलती का पता चला तो 3100 फीट की ऊंचाई पर इंजन नंबर 1 को फिर से स्टार्ट किया गया। लेकिन यह तत्काल चालू नहीं हो सका। पायलटों की कोशिशों के बाद 3108 फीट की ऊंचाई पर इंजन ने काम करना शुरू किया। तब विमान को वापस दिल्ली ले जाने का फैसला किया गया।
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डीजीसीए की जांच रिपोर्ट कहती है कि दूसरे प्रयास में विमान को वापस दिल्ली के एयरपोर्ट पर उतारा जा सका। लैंड करते समय विमान का केवल एक इंजन (नंबर 1) ही काम कर रहा था। विमान की जांच करने पर इंजन नंबर 2 पर खून के धब्बे मिले। इंजन के पंखे की दो ब्लेड पक्षी के टकराने से खराब हो गए थे।
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डीजीसीए ने अपनी रिपोर्ट 5 नवंबर 2018 को तैयार कर ली थी। बुधवार कोइसे वेबसाईट पर डाला गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि लापरवाही बरतने के लिएगोएयर के ए320 विमान के पायलटों पर कार्यवाही की जाए।
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डीजीसीए की रिपोर्ट कहती है कि क्रू मेंबरों ने खराबी का गलत आकलन किया। उसके बाद भी उन्होंने तय मानकों का पालन नहीं किया। इमरजेंसी के दौरान उन्होंने गलत फैसला लेकर सैंकड़ों यात्रियों के जीवन को खतरे में डाला।