न्यूयॉर्क.इलाज के लिए अमेरिका गए केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली ने रविवार को संकेत दिए कि पीएम-किसान योजना के तहत किसानों को हर महीने मिलने वाली 500 रुपए की रकम भविष्य में और बढ़ सकती है। जेटली ने कहा कि संसाधन बढ़ने के साथ ही रकम को बढ़ाया जा सकता है और राज्य अपनी योजनाओं के जरिए भी इसे बढ़ा सकते हैं। जेटली ने न्यूज एजेंसी को दिए साक्षात्कार में यह बात कही।
एक फरवरी को पेश किए गए बजट में वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने पीएम-किसान योजना का ऐलान किया था। इसके तहत 5 एकड़ तक जमीन वाले किसानों को हर साल 6 हजार रुपए 2-2 हजार की तीन किश्तों में सीधे खाते में दिए जाएंगे। स्कीम से 12 करोड़ किसान परिवारों को फायदा पहुंचने की उम्मीद है। पूरी रकम को अगर महीनों में बांटा जाए तो यह 500 रु./महीना होती है।
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जेटली ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के उस बयान पर जवाब दिया, जिसमें उन्होंने किसानों को हर दिन 17 रु. की मदद सरकार द्वारा दिए जाने की बात कही थी। जेटली ने कहा- विपक्ष के नेताओं को परिपक्व होना चाहिए। उन्हें इस बात का अहसास होना चाहिए कि वे देश के चुनाव में हिस्सा लेने जा रहे हैं, कॉलेज के चुनाव में नहीं।
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जेटली ने कहा- किसानों को संकट से उबारने के लिए सरकार ने यह योजना शुरू की है। इसके अलावा हम किसानों को घर, सस्ता भोजन, मुफ्त स्वास्थ्य जांच और इलाज, स्वच्छता, बिजली, सड़क, गैस कनेक्शन जैसी सुविधाएं दे रहे हैं। हमने क्रेडिट कार्ड की लिमिट को भी दोगुना कर दिया है और इस पर बेहद सस्ती दरों पर कर्ज दिया जा रहा है।
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केंद्रीय मंत्री ने कहा कि किसानों की आय बढ़ाने में मदद करने वाली इस योजना का यह पहला साल है। मैं विश्वास से कह सकता हूं कि जैसे-जैसे सरकार के संसाधन बढ़ेंगे, यह रकम और बढ़ेगी।
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किसान-पीएम स्कीम से 15 करोड़ भूमिहीन िकसानों के बाहर रहने पर जेटली ने कहा- ग्रामीण क्षेत्रों में हमने रोजगार गारंटी के लिए मरनेगा स्कीम शुरू की है। इसके अलावा ग्रामीण क्षेत्रों को दूसरे फायदे भी दिए जा रहे हैं।
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जेटली ने कहा कि कांग्रेस अपने कार्यकाल में सबसे बड़े काम का जो दावा करती है, वह किसानों के 70 हजार करोड़ की कर्जमाफी का ऐलान है। जबकि, वास्तविकता यह है कि केवल 52 हजार करोड़ का कर्ज माफ किया गया था। कैग की रिपोर्ट में कहा गया था कि इस रकम का बड़ा हिस्सा उद्योगपतियों और व्यापारियों के पास गया था।
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“पीएम-किसान योजना के तहत हम 75 हजार करोड़ सालाना रकम देने से शुरुआत कर रहे हैं। मैं देख पा रहा हूं कि आने वाले सालों में यह रकम बढ़ेगी। अगर राज्य इसमें मदद करते हैं तो यह रकम और बढ़ेगी। कुछ राज्यों ने योजनाएं शुरू भी की हैं और मुझे लगता है कि दूसरों को भी इसका अनुसरण करना चाहिए।”
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“पीएम-किसान योजना के तहत हम 75 हजार करोड़ सालाना रकम देने से शुरुआत कर रहे हैं। मैं देख पा रहा हूं कि आने वाले सालों में यह रकम बढ़ेगी। अगर राज्य इसमें मदद करते हैं तो यह रकम और बढ़ेगी। कुछ राज्यों ने योजनाएं शुरू भी की हैं और मुझे लगता है कि दूसरों को भी इसका अनुसरण करना चाहिए।”
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आर्थिक मामलों के सचिव सुभाष चंद्र गर्ग ने न्यूज एजेंसी को दिए साक्षात्कार में कहा कि पीएम-किसान योजना के तहत हितग्राहियों का डाटा हमारे पास मौजूद है। ऐसे में सरकार छोटे किसानों को स्कीम के तहत रकम मिलने की शुरुआत फरवरी से ही की जाएगी। योजना को दिसंबर 2018 से लागू किया जाना तय किया गया है। मौजूदा वित्त वर्ष के लिए इस बजट में योजना के लिए 20 हजार करोड़ रुपए दे दिए गए हैं।