भक्त ईश्वर की शरण मे जाते ही ईश्वरमय हो जाता है

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रेणुसागर पावर डिवीजन  प्रबन्धन मण्डल द्वारा कर्मचारी मनोरंजनालय में आयोजित किये गये तीन दिवसीय श्रीराम कथा प्रवचन में  पं0 नाना लाल जी राज गुरु ने राम कथा के माध्यम से वन मे श्रीराम, लक्ष्मण जी से श्री हनुमान के मिलन के प्रसंग का वर्णन  किया तथा कहा कि  हनुमान जी अखण्ड ज्ञान युक्त होने के कारण ब्रम्हचारी का रूप धारण करने वाले श्रीराम जी को पहचान जाते है, और उनके चरणों में सर रखकर प्रणाम करते है। श्रीराम जी के परिचय पूछने पर हनुमान जी ने कहा कि व उनके सेवक है, और साथ ही हनुमान जी ने श्रीराम से पूछा कि आप भगवान होकर मनुष्य की भॉति क्यों मेरा परिचय पूछ रहे है। मनुष्य मायावश ईश्वर को भूला रहता है, परन्तु ईश्वर अपने भक्त को कभी नही भूलते, कारण कि भक्त जब भगवान की शरण में होता हैं, तव उसकी भौतिक उपलब्धियॉ विलुप्त हो जाती है। और उसका कोई अलग अस्तित्व नही रहता वह ईश्वरमय हो जाता है।   कथा से पूर्व रेणुपावर के एच.आर.हेड शैलेश सिंह, आकाश खत्री ने रामायण की आरती एवं पूजन करके प्रथम दिन की राम कथा प्रारम्भ करायी। रेणुपावर के कर्मचारी एवं श्रमिक भाइयों ने परिवार सहित भाग लेकर इस संगीतमयी श्री रामकथा का आनन्द लिया। इस कथा रुपी वर्षा की पावन फुहार आने वाले कई दिनों तक यहॉ के जनमानस को आनन्दित करती रहेगी । कार्यक्रम को सफल बनानें में संतोष सिंह गोपाल मुखर्जी का विशेेष योगदान रहा।

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