HTP: दिग्विजय जैसे नेता मुसलमानों को खुश करने के चक्कर में मजहबी उन्माद बढ़ाने वाली बयानबाज़ी नहीं करते?

[ad_1]
कल शशि थरूर का बयान जहाँ ख़त्म हुआ था, वहीं से दिग्विजय सिंह का बयान आगे बढ़ गया. शशि थरूर ने मोदी सरकार की 2019 में वापसी पर भारत के ‘हिन्दू पाकिस्तान’ बनने की भविष्यवाणी की थी. दिग्विजय सिंह ने बिना नाम लिए मौज़ूदा सरकार के चाल-चलन को पाकिस्तान के पूर्व तानाशाह जिया उल जैसा बता दिया. जनमत का अपमान करने वाले थरूर के बयान पर कांग्रेस ने कार्रवाई नहीं की. कुल मिलकर ये कहा जा रहा कि धार्मिक उन्माद फैलाकर मौजूदा सरकार जिया उल हक़ के रास्ते पर चल रही है. सवाल उठता है कि क्या जब एक धर्म के लोग दूसरे धर्म के ख़िलाफ़ बोलें तभी मजहबी उन्माद बढ़ता है? क्या दिग्विजय सिंह जैसे नेता मुसलमानों को खुश करने के चक्कर में मजहबी उन्माद बढ़ाने वाली बयानबाज़ी नहीं करते?

[ad_2]
Source link

Translate »