कवियित्री डॉ. रचना तिवारी हुईं गीत शिरोमणि सम्‍मान से सम्मानित

सर्वभाषा ट्रस्‍ट ने स्‍थापना दिवस पर किया सम्‍मानित

सोनभद्र। पिछले दिनों हिंदी और अन्‍य भारतीय भाषाओं के श्रेष्‍ठ प्रकाशक ‘सर्व भाषा ट्रस्‍ट’ ने हिंदी भाषा, साहित्‍य एवं संस्‍कृति एवं गीत काव्‍य के प्रचार-प्रसार, उन्‍नयन एवं संवर्धन के लिए हिंदी की जानी मानी कवयित्री एवं गीतकार डॉ. रचना तिवारी को गीत शिरोमणि सम्‍मान से अलंकृत किया गया। डॉ. रचना तिवारी को यह सम्‍मान ट्रस्‍ट के स्‍थापना दिवस पर आयोजित एक विशिष्‍ट समारोह में प्रदान किया गया। यह सम्‍मान हिंदी के प्रतिष्‍ठित कवि-आलोचक डॉ. ओम निश्‍चल, डॉ. राहुल एवं डॉ. वेदमित्र शुक्‍ल के सान्‍निध्‍य में सर्वभाषा ट्रस्‍ट के सचिव केशव मोहन पाण्‍डेय ने भेंट किया। शाल से स्‍वागत के साथ उन्‍हें सम्‍मान प्रशस्‍ति

फलक भेंट किया गया। इस अवसर पर उपस्थित कवियों निशा भास्‍कर, सरिता शौकील, ओम निश्‍चल, डॉ. वेदमित्र शुक्‍ल व केशव पाण्‍डेय ने अपनी रचनाओं का पाठ भी किया । डॉ. रचना तिवारी के गीतों की भावमयी प्रस्‍तुति को विशेष सराहना मिली। ज्ञातव्‍य है कि डॉ. रचना तिवारी पिछले तीन दशकों से हिंदी कविता, गीत, ग़ज़ल एवं अन्‍य छंदोबद्ध विधाओं के लिए समर्पित हैं, तथा पिछले कई सालों से सोनभद्र में गीत लेखनी संस्‍था का संचालन कर रही हैं। विभिन्‍न काव्‍य विधाओं में डॉ. रचना तिवारी के कई संग्रह : ‘चली हूँ गीतों को गुनगुनाने, सपना खरीदो बाबूजी, निवाला क्‍यों नहीं मिलता, प्‍यास पानी से बड़ी है, ज़िंदा ख़त, झील में उतरी नाव, मेरे गीत तुम्‍हीं से जनमे व कुछ प्रेम मिलने के लिए नहीं होते’ प्रकाशित हो चुके हैं। इस अवसर पर ट्रस्‍ट के अध्‍यक्ष कथाकार अशोक लव ने एक संदेश के जरिए अपनी शुभकामनाएँ प्रेषित कीं जिसमें उन्‍हें हिंदी के परंपरागत काव्‍यसौष्‍ठव का सक्षम रचनाकार बताया। सम्‍मान समारोह के अध्‍यक्ष डॉ. ओम निश्‍चल ने डॉ. रचना तिवारी के काव्‍य संसार में गीत के अप्रतिम अवदान की सराहना की तथा बताया कि वे गीत को अनेक राष्‍ट्रीय-अंतर्राष्‍ट्रीय मंचों तक ले गई हैं तथा इसे काव्‍य-प्रेमियों के मध्‍य लोकप्रिय बनाने में उनकी महती भूमिका है तथा अब तक वे अनेक सम्‍मानों– साहित्‍य गौरव सम्‍मान- 2010, काका हाथरसी सम्‍मान-2010, रूपनारायण त्रिपाठी सम्‍मान-2009, प्रखर सम्‍मान, झाँसी रानी सम्‍मान, महादेवी वर्मा सम्‍मान-2009, मुंशी प्रेमचंद सम्‍मान एवं हाल ही में आदित्‍य संस्‍कृति विशिष्‍ट सम्‍मान-2025 से विभूषित हो चुकी हैं। आलोचक डॉ. राहुल ने रचना तिवारी की कविताओं में बिम्‍बों की अप्रतिम उपस्‍थिति को उनकी रचनाशीलता की ताकत बताया। हिंदी के लेखक सानेटकार डॉ. वेद मित्र शुक्‍ल ने डॉ. रचना तिवारी के काव्‍य-संसार में मौजूद तरलता सहजता और अचूक संप्रेषणीयता की सराहना की।
अपने लेखकीय वक्‍तव्‍य में डॉ. रचना तिवारी ने सम्‍मान स्‍वीकार करते हुए ट्रस्‍ट की दीर्घजीविता की कामना की तथा कहा कि वे सोनभद्र में रह कर माँ भारती की इसी तरह सेवा करती रहेंगी। ट्रस्‍ट के सचिव केशव मोहन पाण्‍डेय ने ट्रस्‍ट के बहुभाषी प्रकाशनों एवं कार्यकलापों की चर्चा की तथा यह सम्‍मान ग्रहण करने के लिए डॉ. रचना तिवारी के प्रति आभार व्‍यक्‍त किया।

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