धूमधाम से मनाया गया विश्व योगा दिवस

संजय सिंह

चुर्क-सोनभद्र। शनिवार को विश्व योगा दिवस के उपलक्ष्य में डीएवी सीनियर सेकेंडरी पब्लिक स्कूल रॉबर्ट्सगंज के प्रांगण में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस-2025 ‘एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य के लिए योग’ की थीम पर मनाया गया। योगा प्राचीन भारतीय परंपरा का एक अमूल्य उपहार है। यह न केवल आपके शारीरिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देता है बल्कि आपके मानसिक स्वास्थ्य को भी बढ़ावा देता है। योग के अभ्यास का सम्मान करने और दुनिया भर में इसके लाभों को बढ़ावा देने के लिए हर साल 21 जून को विश्व अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाता है”। योग सिर्फ शारीरिक कसरत नहीं है, बल्कि यहआत्म-जागरूकता, ध्यान, साँसों का संतुलन और मानसिक शांति का अभ्यास है. योगासन करने से शरीर और मन दोनों का स्वास्थ्य बेहतर होता है। अंतरराष्ट्रीय योग दिवस का मकसद दुनियाभर के लोगों को योग के फायदों के बारे में जागरूक करना है. यह दिन तनाव कम करने, लचीलापन बढ़ाने, शरीर को मजबूत बनाने और बेहतर जीवनशैली अपनाने जैसे लाभों को उजागर करता है.
साथ ही, यह दिन दुनिया के अलग-अलग देशों और संस्कृतियों को जोड़ने का काम करता है, जहां लोग मिलकर योग के ज़रिए एकता और स्वास्थ्य का संदेश फैलाते हैं.”प्राचीन भारतीय परम्परा का एक अमूल्य उपहार, योग है जो शारीरिक और मानसिक तंदुरुस्ती को बढ़ावा देने के सबसे भरोसेमंद साधनों में से एक के रूप में उभरा है। “योग” शब्द संस्कृत मूल युज से लिया गया है जिसका अर्थ है “शामिल होना”, “जुड़ना” या “एकजुट होना”, जो मन और शरीर की एकता, विचार और क्रिया, संयम और तृप्ति, मानव और प्रकृति के बीच सामंजस्य और स्वास्थ्य और तंदुरुस्ती के लिए एक समग्र दृष्टिकोण का प्रतीक है इस योग संगम में विद्यालय के सभी शिक्षक/शिक्षिकाएँ एवं अभिभावक श्री बृजकेश मिश्र तथा छात्र/छात्राएँ विद्यालय में उपस्थित होकर योग प्रशिक्षक सुनील कुमार और मनोरंजन शर्मा की अगुआई में बताए गए विभिन्न आसनों को नियमानुसार किया। उक्त कार्यक्रम में प्रियल विश्वकर्मा, मान्या शर्मा, तनिष्का शर्मा, सृष्टि त्रिपाठी, कलश , कार्तिकेय देव ने एडवांस योगा का शानदार प्रदर्शन किया।कार्यक्रम के इसी क्रम में विद्यालय के प्राचार्य डॉक्टर अंकुर भाटिया जी ने योग पर विस्तृत प्रकाश डालते हुए कहा कि योग कोई नया चलन नहीं, बल्कि हजारों साल पुरानी एक आध्यात्मिक और शारीरिक विद्या है, जिसकी जड़ें भारत में गहराई तक फैली हुई हैं। हमारे यहाँ के ऋषि-मुनियों ने इसे न सिर्फ शरीर की मजबूती बल्कि मन की शांति के लिए भी अपनाया। ऐसे में, आज योग दुनियाभर में हेल्दी लाइफस्टाइल का दूसरा नाम बन चुका है।

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