समाज सुधारक थे डॉक्टर भीमराव अंबेडकर

यूपीएस ढुटेर व बरवा में हर्षोल्लाह के साथ मनाई गई संविधान निर्माता बाबा साहेब की जयंती

सर्वेश कुमार/ज्ञानदास कन्नौजिया


शाहगंज (सोनभद्र)। घोरावल ब्लाक के पूर्व माध्यमिक विद्यालय ढुटेर में सोमवार को संविधान निर्माता बाबा साहेब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की 135वीं जयंती हर्षोल्लास के साथ मनाई गई। सर्वप्रथम डॉ. अंबेडकर के चित्र पर माल्यार्पण कर उनके विचारों को आत्मसात करने का संकल्प लिया गया। “स्वतंत्रता के अमृत काल” में हमारा संविधान, हमारा स्वाभिमान टैगलाइन के अंतर्गत आयोजित कार्यक्रम में प्रधानाध्यापक यतिनंदन लाल

ने कहा कि बाबा साहेब का लोकतंत्र में अटूट विश्वास था। सामाजिक सुधारो के लिए भी वे प्रतिबद्ध थे। क्योंकि भारत के भविष्य, लोकतंत्र और अर्जित स्वतंत्रता को लेकर उन्हें बड़ी चिंता सताती थी। सहायक अध्यापक राजकुमार ने कहा कि

डॉक्टर अंबेडकर महान व्यक्ति थे। ऐसे समय में उन्होंने पीएचडी, डी लिट तथा बार-एट- ला जैसी उपाधियां हासिल की जिस समय छुआ-छूत, ऊंच-नीच, जाति- पाति का भेदभाव था और इस समाज के लोगों को शिक्षा प्राप्ति की भी अनुमति नहीं थी। विद्यालय प्रबंध समिति के पूर्व अध्यक्ष एवं वरिष्ठ पत्रकार

ज्ञानदास कनौजिया ने कहा कि बाबा साहेब समाज सुधारक के साथ ही प्रखर बुद्धिजीवी, कानूनविद तथा अर्थशास्त्री भी थे। हम सभी को इन महान विभूति के आदर्शों को अपनाने की जरूरत है। इस क्रम में पूर्व एसएमसी अध्यक्ष विनोद कुमार मौर्य ने संविधान के अंगीकरण के 75 वर्ष पूर्ण होने के तथ्य पर बल देते हुए कहा कि डॉ भीमराव अंबेडकर दलितों एवं वंचितों के उत्थान के लिए आजीवन संघर्ष किया। इसलिए उन्हें कमजोर वर्गों के जनप्रिय नायक और संघर्ष के प्रतिक पुरुष भी कहा जाता है। इस अवसर पर यहां उपस्थित छात्र-छात्राओं में खेलकूद आदि प्रतियोगिताएं भी आयोजित की गई। इसी तरह क्षेत्र के अन्य स्थानों पर भी डॉक्टर बीआर अंबेडकर की जयंती धूमधाम के साथ मनाए जाने की खबर है।

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