36 घंटे का निर्जला व्रत करते छट व्रत धारी
रवि कुमार सिंह

दुद्धी-सोनभद्र। चैत्र नवरात्रि के छठे दिन छठ महापर्व त्यौहार बड़े ही उत्साह पूर्वक शिवाजी तालाब पर व्रतधारी माताओ ने मनाया। बृहस्पतिवार की संध्या बेला मे पश्चिम दिशा की ओर डूबते हुए अस्ताचलगामी को अर्ध्य देकर छठी माता की उपासना करते हुए ,अपने पुत्र व पति के दीर्घायु एवम लोक मंगल की भी

कामना किया। संध्या बेला में सूर्य देव के डूबने के दौरान छठ व्रत धारी महिला एवं पुरुषों ने शिवाजी तालाब में खड़े होकर अस्ताचलगामी को अर्ध्य देते हुए लाल पीले रंग की साड़ी पहनकर सिंदूर मांग में भरकर अपने पति के दीर्घायु की कामना किया । आपको बता दे की यह आस्था का महापर्व छठ त्यौहार साल में दो बार मनाया जाता है एक कार्तिक महीने के शुक्ल

पक्ष की षष्ठी तिथि को बड़े ही धूमधाम से मनाई जाती है प्रथम छठ पूजा में लोगों की आस्था अत्यधिक भीड़ उमड़ती है और ज्यादा से ज्यादा संख्या में लोग छठ पूजन करते हैं।वही दूसरा छठ महापर्व चैत्र नवरात्रि के चैती छठ व्रत के रूप में मनाया जाता है ।यह पूजा तीन दिवसीय अनुष्ठान के साथ मनाया जाता है लोगों की मान्यता है कि चैती छठ करने से घर में सुख शांति

समृद्धि और वैभव की प्राप्ति होती है और व्रत धारी के पुत्रों की रक्षा मां सदैव करती हैं, चैत्र नवरात्रि माता रानी के छठे स्वरूप कात्यनी देवी की बड़े ही विधि विधान से पूजा की जाती है जिन्हें छठ माता का रूप भी माना जाता है शुक्रवार को उदयाचलगामी सूर्य को अर्ध्य देकर छठ व्रत धारी अपने इस कठिन पूजा का पारण करेंगे, तत्पश्चात इसके उपरांत इस पूजा का समापन हो जाएगा। शिवाजी तालाब पर व्रतधारीयो की सेवा व व्यवस्थाओं में विभिन्न धार्मिक संगठन के लोग लग रहे।
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