बभनी/सोनभद्र (अरुण पांडेय)
कुछ विद्यालय अनुदेशक व शिक्षामित्रों के सहारे संचालित।
बभनी। शिक्षा क्षेत्र में शिक्षा व्यवस्था चिंताजनक है यहां पांच विद्यालयों में किसी शिक्षक की तैनाती नहीं है और तेरह विद्यालयों में केवल एक ही शिक्षक तैनात हैं शिक्षा व्यवस्था की ऐसी नीति देखकर अविभावकों के चेहरे पर चिंता की लकीरें दिखाई देती हैं। आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र के सुदूर अंचलों में ऐसी शिक्षा प्रणाली के तहत बच्चों के भविष्य के साथ शिक्षा विभाग खिलवाड़ कर रहा है। शिक्षक विहीन विद्यालयों में दूसरे विद्यालयों से शिक्षकों को संबद्ध कर पठन-पाठन संचालित कराया जा रहा है ग्राम पंचायत डूभा के प्राथमिक विद्यालय गौहान टोला में किसी शिक्षक की तैनाती नहीं है और उच्च प्राथमिक विद्यालय डूभा भी शिक्षक विहीन है इसके अतिरिक्त बरवा टोला -2 मैरहवां अरझट

और चैनपुर में किसी शिक्षक की तैनाती नहीं है वहीं प्राथमिक विद्यालय दरनखांड़ प्रा.वि. डूभा और चैनपुर में भी कोई शिक्षक नहीं हैं। इसके साथ-साथ दरनखांड़ चकेलवा डूभा बरवें बघमड़वा हथियार पुनर्वास डूमरहर नेटियान टोला चैनपुर पुरानडीह और कोरहट्टी टोला व उच्च प्राथमिक विद्यालय जिगनहवां तथा शीशटोला केवल एक-एक सहायक अध्यापक तैनात हैं इस प्रकार की नई शिक्षा नीति के तहत गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा देना एक प्रश्नचिन्ह खड़ा करता है। यदि देखा जाए तो कुछ ऐसे भी विद्यालय हैं जिनका संचालन शिक्षा मित्र व अनुदेशकों के सहारे किया जा रहा है जैसे घघरी ग्राम पंचायत के चट्टानीडांड़ में एक शिक्षा मित्र व शीशटोला व देवरिहवां में भी तीन शिक्षामित्रों के सहारे संचालन किया जा रहा है। खंड शिक्षा अधिकारी प्रेम शंकर राम ने बताया कि जिन विद्यालयों में कुछ शिक्षक हैं उन्हें जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी के निर्देश पर संबंधित विद्यालयों में पढ़ाई कराने के लिए भेजा गया है उनके द्वारा यह भी कहा गया कि ब्लाक में शिक्षकों की कमी होने के कारण किसी प्रकार व्यवस्था बनाकर विद्यालय संचालित कराए जा रहे हैं जिससे शिक्षा व्यवस्था सुचारु रूप से चल सके।