हिदीं को राष्ट्र भाषा घोषित कर काम-काज से भारतीयता को आगे बढा़एं- संतोष नागर

सर्वेश कुमार

शाहगंज-सोनभद्र। स्थानीय बाजार स्थित ओड़हथा में सोनभद्र के वरिष्ठ पत्रकार मिथिलेश प्रसाद द्विवेदी की प्रेरणा से हिंदी दिवस पर शनिवार को एक संगोष्ठी की गई। इस मौके पर स्थानीय मीडिया एवं बुद्धिजीवियों ने राज भाषा हिंदी को राष्ट्रभाषा बनाने की जरूरत पर जोर देते हुए सरकार का ध्यान आकृष्ट कराया। वक्ताओं ने कहा कि जितनी आवश्यकता अधिक से अधिक भाषाओं का ज्ञान होना जरूरी है उससे कहीं अधिक अपने देश में राष्ट्र भाषा हिंदी का होना भी जरूरी है। वक्ताओं ने कहा कि पूरे विश्व में हिंदी ही एक मात्र ऐसी भाषा है, जो एक दूसरे को जोड़ने का काम करती है। कहा गया कि हिंदी हमारे देश की बिंदी है

और देश की आन- बान और शान है। देश में राष्ट्र भाषा के रूप में हिंदी को घोषित किया जाना चाहिए। यही नहीं, हिंदी को राष्ट्रभाषा के तौर पर समूचे राजकीय कार्यालयों में अधिकाधिक काम -काज किए जाने की जरूरत है। कहा गया कि आज के परिवेश में विदेशी भाषा अंग्रेजी को अपनी आन- बान और शान समझते हैं। बच्चों को भी उसी तरह के संस्कार दिए जा रहे हैं इस पर हम सभी को गंभीरता से विचार कर हिन्दी को बढ़ावा देने की जरूरत है। इस मौके पर वरिष्ठ पत्रकार संतोष कुमार नागर, ज्ञानदास कन्नौजिया, डाक्टर रमेश कुमार कुशवाहा, परिवेश श्रीवास्तव, काजू श्रीवास्तव, रामरुप शुक्ला, रामकेश विश्वकर्मा, शिवपूजन विश्वकर्मा, राहुल पटेल, कृष्ण कुमार मिश्र, रिंकू पाठक आदि मौजूद रहे। कार्यक्रम का सफल संचालन पत्रकार सत्य प्रकाश मिश्रा ने किया।

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