हिन्दी दिवस पर नेत्रदान के साथ पोस्टर प्रतियोगिता का आयोजन

रिपोर्टर पुरूषोतम चर्तुवेदी

वाराणसी, 14 सितम्बर 2024। हिन्दी दिवस के अवसर पर आज आर. पी. गिनोडिया चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा नेत्रोदय द आई सिटी, वाराणसी में “नेत्रदान-महादान” विषय पर आधारित एक “स्लोगन-कम-पोस्टर प्रतियोगिता” का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में काशी हिन्दू विश्व विद्यालय के दृश्य कला विभाग के विद्यार्थियों नें प्रतिभागिता की। कार्यक्रम का उद्देश्य युवाओं को नेत्रदान के प्रति जागरूक करना तथा हिंदी भाषा के अधिकाधिक प्रयोग के लिए प्रोत्साहित करना रहा। मुख्य अतिथि प्रो. सरोज रानी,

चित्रकला विभाग, काशी हिन्दू विश्वविद्यालय ने सभी प्रतिभागियों के काम की सराहना की तथा सभी को नेत्रदान व हिंदी भाषा के प्रयोग के लिए प्रोत्साहित किया। विशिष्ट अतिथि श्रीमती मधु शाह, संस्थापिका स्क्रैप्शाला ने कहा कि प्रभु के दिए नेत्र रुपी उपहार को दूसरे को दान कर दृष्टि दी जा सकती है। अतः सभी को बढ़ चढ़ कर इसमें भागीदार करनी चाहिये व अपने जन्मदिन के अवसर पर नेत्रदान का संकल्प लेना चाहिए। कार्यक्रम की अध्यक्षता नेत्रोदय द आई सिटी की अध्यक्षा व ट्रस्टी श्रीमती मधुबाला अग्रवाल ने की। उन्होनें बताया कि नेत्रदान तथा इससे जुड़ी किसी भी जानकारी के लिए नेत्रोदय नेत्र बैंक में संपर्क कर सकते हैं। प्रतियोगिता के विजेता के रूप में प्रथम स्थान प्रियंका भारद्वाज, द्वितीय आकाश यादव तथा तृतीय रिंकी मौर्य तथा सतीश कुमार ने प्राप्त किया। नंदनी गुप्ता तथा मुकेश राहुल को सांत्वना पुरस्कार से सम्मानित किया गया। पुरस्कार वितरण के बाद धन्यवाद ज्ञापन डॉ. विनीता चन्द्रा ने किया। ट्रस्ट की संस्थापिका प्रो. चन्द्रकला पाडिया ने प्रतिभागियों के लिए शुभकामना सन्देश भेजा। उन्होंने बताया कि उनके पिता स्व. रघुनाथ प्रसाद गिनोडिया जी ने नेत्र चिकित्सा के लिए अपने जीवन काल में कई निःशुल्क शिविर आयोजित किए। इसी से प्रेरित होकर उनके पुत्र डॉ. अभिषेक चन्द्रा नेत्र चिकित्सक बने व अब अनवरत नेत्र चिकित्सा एवं नेत्र सम्बन्धी शिक्षण-प्रशिक्षण व शोध कार्यों में लगे हुए हैं। डॉक्टर आर. सी. शेखर ने नेत्रदान के लिए प्रतिभागियों तथा अतिथियों से शपथ भी दिलवाई। कार्यक्रम के संयोजक स्वर्णिम अवस्थी व संयोजिका सीमा गुप्ता रहे। कार्यक्रम के आयोजन में डॉ. नेहा शिल्पी, डॉ. तरुण, श्री अमरेश कुमार, प्रीति कन्नौजिया, प्रिया सिंह, आँचल सिंह, तेजस्विनी त्रिपाठी तथा राकेश सिंह ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

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