शादी, निकाह में लेनदेन की प्रथा खत्म कराएगा दहेज मुक्ति अभियान
समाज में जागरूकता लाने हेतु बनाई गई कार्य योजना
सर्वेश श्रीवास्तव
सोनभद्र। जिला प्रोबेशन अधिकारी / जिला दहेज प्रतिषेध अधिकारी पुनीत टंडन के दिशा निर्देशन में शनिवार को महिला थाना दुद्धी में थाना प्रभारी संतू सरोज की अध्यक्षता में बैठक कर दहेज प्रतिषेध अधिनियम के अन्तर्गत आम जनमानस में प्रचार प्रसार किये जाने हेतु कार्य योजना बनाई गई। ओआरडब्ल्यू शेषमणि दुबे द्वारा बताया गया कि समुदाय में फैली सोच जैसे भ्रूण हत्या, बाल विवाह, दहेज की मांग करने आदि को बदलने हेतु आवाज उठाने एवं जागरूकता हेतु विशेष अभियान चलायें जाने के बारे में जानकारी दी गई। केन्द्र प्रशासक दिपिका सिंह ने बताया कि महिलाओं के लिए बना है यह कानून बता दें कि दहेज एक सामाजिक बुराई है, जिसके कारण समाज में महिलाओं के
प्रति अकल्पनीय यातनाएं और अपराध उत्पन्न हुए हैं. साथ ही भारतीय वैवाहिक व्यवस्था दूषित हुई है। दहेज शादी के समय दुल्हन के ससुराल वालों को लड़की के परिवार द्वारा नकद या वस्तु के रूम में किया जाने वाला भुगतान है। दहेज प्रथा को समाप्त करने के लिए देश में दहेज प्रतिषेध अधिनियम 1961 बना है। अब से इस कानून का सख्ती से अनुपालन होगा और जिले में होने वाले सभी विवाह जो पंजीकृत हो या अपंजीकृत, उनके दोनों पक्षों को सूची बनाकर, दोनों पक्षों के हस्ताक्षर के बाद यह सूची जिला प्रोबेशन अधिकारी/जिला दहेज प्रतिषेध अधिकारी के कार्यालय कलेक्ट्रेट सोनभद्र में प्रस्तुत की जाएगी। संरक्षण अधिकारी रोमी पाठक व गायत्री दुबे द्वारा महिला कल्याण विभाग द्वारा संचालित वन स्टाफ सेंटर, जिला बाल संरक्षण इकाई, चाईल्ड हेल्पलाइन, बाल कल्याण समिति की कार्यप्रणाली एवं वहां पर प्राप्त होने वाली सेवाओं के बारे में बताया गया। बैठक में वन स्टाप सेन्टर से केंद्र प्रशासक दीपिका सिंह, जिला बाल संरक्षण इकाई संरक्षण अधिकारी गायत्री दुबे, रोमी पाठक, ओ.आर.डब्ल्यू शेषमणि दुबे, महिला आरक्षी व अन्य लोग उपस्थित रहें।