सावनी गीत पर झूम उठे कविता प्रेमी
सर्वेश श्रीवास्तव
सोनभद्र। जनपद की प्रमुख साहित्यिक संस्था गीत कस्तूरी द्वारा श्रावणी काव्य गोवार को तेज नगर स्थित गीत गंगा भवन में आयोजित किया गया। संस्था की अध्यक्ष डॉक्टर रचना तिवारी ने मां वाणी की वंदना के साथ गोष्ठी प्रारम्भ की। सावन के महीने में होने वाली यह गोष्ठी पूर्णतया सावनी गीतों और कजरी तथा लोकभाषा में डूबी रही। गज़लों, गीत, हास्य, व्यंग से सजी। इस काव्य संध्या में कवियों द्वारा एक से बढ़कर एक कविताएं पढ़ीं गईं। डॉ रचना तिवारी ने चांद
घूंघट उठता रहा रात भर, चांदनी मुह छुपाती रही रात भर पढ़कर सावन सावन कर दिया। गोष्ठी का सफल संचालन कर रहे पत्रकार विजय विनीत ने यह राम राज्य है यह राम राज्य है, यहाँ हर गरीब की दबी हुई आवाज़ है पढ़ा।शायर अब्दुल हई ने फासले इतने हो गए यारों, सारे रिश्ते ही खो गए यारों पढ़कर झकझोर दिया अधिवक्ता अशोक तिवारी ने खौफ है नहीं कोई धूप में नहाने से हमने ज़िंदगी पाई मौत के बहाने से पढ़ा। शिक्षक कवि अरुण तिवारी ने पीढ़ियों के
चिरन्तन गमन के लिए, नव्यता के सफलतम सृजन के लिए,
सच की ख़ातिर हजारों मिटे हैं यहाँ, तू भी उस राह चल जागरण के लिए पढ़ी। सोन साहित्य संगम के संस्थापक संयोजक राकेश शरण मिश्र ने पढ़ा मुझसे मेरा हाल न पूछो मुझसे मेरी चल न पूछो कितनी पीड़ा मैं सहता हूं मेरे यार सवाल न पूछो। व्यंगकार मेघ विजयगढ़ी ने जिगर के ख्वाब कुछ तो अधूरे रह गए होंगे, सिसकते ही सही पर कुछ तो कहकर के गए होंगे पढ़ा। मंच की अध्यक्षता वरिष्ठ साहित्यकार एवं कविता के सुमेरु रहे। अजय शेखर ने की और मुख्य अतिथि चंद्रकांत शर्मा तथा विशिष्ट अतिथि पूर्व विधायक तीरथ राज जी रहे। गोष्ठी में अमरनाथ सिंह, अरुण सिंह, पूर्व विधायक तीरथ राज, बद्री नरायन मिश्रा, श्यामा प्रसाद पांडेय, संतो पांडेय, ललिता, दिलीप शुक्ला, दिनेश तिवारी आदि कविता प्रेमी उपस्थित रहें।