ओमप्रकाश रावत
विढमगंज-सोनभद्र। झारखंड बॉर्डर व थाना अंतर्गत मुडीसेमर ग्राम पंचायत में स्थित वन रेंज कार्यालय में बीते बुधवार की रात्री को सैकडों चमगादड़ों की मौत हो गई। रोज की भांति सुबह टहलने निकले ग्रामीणों ने वन रेंज कार्यालय में सैकड़ो की तादाद में मृत पड़े चमगादड़ों से उठ रही दुर्गंध के कारण रेंज ऑफिस से भाग निकले तथा आशंका जताई

कि भीषण गर्मी की वजह से सभी चमगादड़ों की मौत हुई है। ग्रामीणों विनय कुमार, छोटू कुमार ,महेंद्र प्रसाद रामचंद्र प्रसाद का कहना है कि रेंज आफिस में पुराने बरगद आम जामुन के वृक्षों पर हजारों की तादाद में चमगादड़ कई वर्षों से लगातार रहते हैं । रेंज ऑफिस सततवाहीनी व कुकुरडुबा नदी के तटीय इलाके में हैं। आज जब हम लोग रोज की भांति टहलने गए तो देखा कि कुछ चमगादड़ मर चुके थे और

वे पेड़ से नीचे गिरे हुए थे। लोगों ने आशंका जताई है कि चमगादड़ों की मौत गर्मी की वजह से हुई है। और बताया की पानी व्यवस्था होती तो इतनी बड़ी तादाद में चमगादड़ की मौत नहीं होती। इस बाबत सेल फोन पर मवेशी डॉक्टर रवि कुमार तरुण ने बताया कि वर्तमान समय में इलाके का टेंपरेचर 46-47 चल रहा है साथ ही साथ पानी भी इलाके में नहीं है जिसके कारण चमगादड़ों की मौत हुई है तथा पशु पक्षियों को अपना आशियाना बनाने के लिए भी पेड़ की कमी होती जा रही है क्षेत्र में अधिक संख्या में वृक्षों का कटान होने के कारण पूरा इलाका उजड़ा हुआ है अभी भी पेड़ काटे जा रहे हैं समय रहते इन पर रोक नहीं लगी जो बचे हैं उसे भी काट दिए जाएंगे। वही रेंजर इमरान खान ने सेल फोन पर बताया कि अधिक टेंपरेचर व पानी की समस्या ही इन चमगादड़ों के मरने का मुख्य कारण है मरे हुए चमगादड़ों को वन कर्मियों के द्वारा एकत्रित करके मिट्टी में दफनाया जा रहा है।
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