रेनुकूट वन प्रभाग के बघाडू वन रेंज के गुलालझरिया का मामला
जंगलों में पानी का समुचित व्यवस्था नही किये जाने से पानी के तलाश में आये दिन सीमावर्ती गावों में आ जा रहे जंगली जानवर
लोगों ने कहा आये दिन विलुप्त होते जा रही है जंगली जानवरों की प्रजाति, वन विभाग इन्हें बचाने में विफल
दुद्धी-सोनभद्र(रवि कुमार सिंह)। रेनुकूट वन प्रभाग के बघाडू वन रेंज के गुलालझरिया गांव में रविवार की सुबह 6 बजे एक तीन सींग वाला नर हिरन पानी के तलाश में जंगल से भटक कर बस्ती आ पहुँचा ,जहां पहले से मौजूद आवारा कुत्तों ने उस पर हमला कर मौत के घाट उतार दिया।
ग्रामीणों ने बताया कि हिरण कर्री के जंगल से बस्ती पहुँचा था जिस पर आवारा कुत्तों की नजर गयी और हिरण पर हमला बोल दिया पानी की तलाश में गांव पहुँचा हिरन दौड़ भाग कर थक गया ,जिससे हिरण झारो खुर्द व गुलालझरिया के बार्डर पर स्थित, शिव बालक के खेत में गिर पड़ा और कुत्तो ने उसे झेलकर मौत के घाट उतार दिया। आस-पास के
ग्रामीण ने जब कुत्ते से झेल रहे हिरण को बचाने का खूब प्रयास किया लेकिन वे सफल नही हुए। पानी की तलाश में जंगल से थककर गांव में आए हिरण ने दम तोड़ दिया। ग्रामीण शिवबालक ने बताया कि हिरण पूर्व की ओर जंगल से यहां बस्ती की तरफ आया था। 10 की संख्या में कुत्तों ने उसे दौड़ा दौड़ा कर घेर कर मार डाला। इसकी सूचना तुरंत ग्रामीणों के द्वारा वन विभाग के वन दरोगा मथुरा प्रसाद यादव, बीट प्रभारी सत्यनारायण को दी गयी सूचना पर गांव पहुंचे वन कर्मियों ने हिरण को कब्जे में ले लिया एवं अग्रिम कार्रवाई में जुट गए है। बता दे कि रेनुकूट वन प्रभाग के विभिन्न वन रेंज के जंगलों में जंगली जानवरों पशु पक्षियों को पानी पीने के लिए समुचित व्यवस्था नही किये जाने से पानी की तलाश में जंगलों से बंदरों ,लंगूरों व हिरन व चीतल आये दिन बस्तियों में आ जा रहे है जहां बंदर व लंगूर उत्पात मचा रहे है वहीं हिरण व चीतलों के साथ अप्रिय घटना घट जा रही है। पिछले माह एक चीतल डूमरडीहा गांव में एक सूखे कुएं में गिर गया था और रात भर कुएं में ही फसा था उसने कुएं से निकलने की खूब प्रयास की लेकिन वह सफल नही हो सका था। अंत मे ग्रामीणों व वन कर्मियों ने उसे कुएं से बाहर निकाला था और उसे सुरक्षित जंगल मे छोड़ा था ,लेकिन इस बार प्यास से थके हिरण को कुत्तों ने भगा भगा कर हमला कर मौत के घाट उतार दिया। इस मामले में डीएफओ स्वतंत्र श्रीवास्तव ने कहा कि एक हिरण की मरने की सूचना है वहा कर्मी अग्रिम कार्रवाई में जुटे हुए है। वन्य जीवों के लिए जंगलों में पेयजल के उपलब्धता के बारे में पूछने पर बताया कि जंगलों में वन्य जीवों के प्यास बुझाने के लिए जगह जगह टैंकरों की माध्यम से वाटर होल्स को भरवाए जा रहे है। लेकिन भीषण गर्मी में अन्य जल स्रोतों के सुख जाने से वन्य जीव भटक कर जंगलों से बस्तियों की ओर रुख कर रहे है , वन्य जीवों के पेयजल के उपलब्धता के लिए अन्य प्रभावी उपाय किया जा रहा है।