चैत्र छठ के दिन महिलाओ ने अस्त हो रहे सूर्य को दिया अर्घ्य

दुद्धी-सोनभद्र(रवि सिंह)। दुद्धी कस्बा स्थित शिवाजी तालाब पर आज चैती छठ के तीसरे दिन महिलाओं ने मां छठी देवी का कठोर व्रत रखा तथा अस्त हो रहे सूर्य देव को शुभ मुहूर्त के समयानुसार शाम 5:20 से 5:55 मिनट पर अर्घ्य दिया। अर्घ्य देने के बाद महिलाएं तालाब पर दीपक जलाकर पूजा किया। सोमवार की सुबह उगते सूर्य को अर्घ्य देकर अपने चार दिनों के लंबे कठोर व्रत का छठ व्रतधारी समापन करेगी। शिवाजी तालाब पर व्रत धारी महिलाओं को किसी भी तरह का परेशानी ना हो इसके लिए विभिन्न हिंदू धार्मिक संगठनों एवं नगर पंचायत देखरेख में रहे। घाट की साफ सफाई तथा लाइट की व्यवस्था पूर्व में ही तैयारी कर ली जाती है सुरक्षा की दृष्टिगत दुद्धी कोतवाली से पुलिस फोर्स तैनात रहती है।


एक वर्ष में दो बार मनाया जाता है छठ का पर्व

बता दे की हिंदू परम्परा में छठ के त्योहार की एक अलग ही महत्ता है। इसे वर्ष में दो बार मनाया जाता है। एक तो चैत्र माह में तथा दूसरा कार्तिक माह में मनाया जाता है। इन दोनो छठ को महिलाएं और पुरुष दोनो करते है। यह व्रत अपने संतान व परिवार के सलामती के लिए किया जाता है। इसे बहुत महिलाएं 36 घंटे तक निर्जला व्रत रखती हैं। चैती छठ चार दिनों होता है आज के दिन डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया गया और चौथे दिन उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ पर्व का समापन होगा।

ब्राह्मणों ने बताया पूजा करने का मुहूर्त

चैती छठ पर व्रत और पूजा करने तथा अर्घ्य देने का शुभ मुहूर्त संकट मोचन मंदिर के पुरोहित कल्याण मिश्रा ने बताया कि आज 14 अप्रैल को डूबते सूर्य को अर्घ्य देने का शुभ मुहूर्त शाम को 5.20 मिनट से 5.55 मिनट तक है। वही15 अप्रैल सोमवार को चैती छठ पर्व का समापन होगा। इस दिन महिलाएं उगते सूर्य अर्घ्य देंगी। इसका शुभ मुहूर्त सुबह 5.45 मिनट से लेकर 5.55मिनट तक है। पुरोहित मिश्रा बताते है की छठ पूजा करने का बड़ा कठोर नियम होता है जिसमें साफ सफाई व स्वच्छता पर ध्यान रखते हुए प्रसाद बनाया जाता है तथा इस दौरान उसे घर में सात्विक भोजन के साथ निर्जला रहकर इस व्रत को पूरा किया जाता है।

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