60 वर्ष पूर्व पुल रेलिंग जीर्ण-शीर्ण,भारी वाहनों का वर्जित बोर्ड लगनें के पश्चात भी वाहनों का आवागमन जारी
मोहन गुप्ता
गुरमा-सोनभद्र। चोपन थाना परिक्षेत्र के अन्तर्गत मारकुंडी मुख्य राज मार्ग से जिला जेल गुरमा मुख्य मार्ग मध्य घाघर नदी पर बना हुआ पुल राजकीय चुर्क सीमेंट फैक्ट्री सन् 1960 दशक पूर्व के जमाने का घाघर नदी पुल जो पूर्व में ही पुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई थी। वहीं बीते रात भारी वाहन के टक्कर से पुल के रेलिंग और भी क्षतिग्रस्त से बोल्डर के दरारें दिखने लगी हैं। जो पहले से ही पुल के निचले से भी सरिया दिखाई दे रही थी। जिससे भारी वाहनों के आवागमन से रात दिन खतरा बना रहता है।जब कि इसी रास्ते से जिला

कारागार बंदियों एवं आला अधिकारियों पुलिस पीएसी के वाहनों का आवागमन होता रहता है। लेकिन आज तक किसी भी विभागीय अधिकारियों का ध्यान इस ओर आकर्षित नहीं हुआ है।भारी वाहनों का आवागमन का वर्जित बोर्ड भी लगा हुआ है। इसके बावजूद भी भारी वाहनों का आवागमन जारी है। इसे लेकर कभी भी किसी दिन बड़ी दुर्घटना से इन्कार भी नहीं किया जा सकता है। इस सम्बंध में, जेपी एसोसिएट्स गुरमा, जय ज्योति इण्टर कालेज, विन्ध्य माध्यमिक जूनियर हाईस्कूल प्रधानाचार्य, शिशु शिक्षा

निकेतन विद्यालय प्रधानाध्यापक एवं पूर्व जिला कारागार अधीक्षक मिजाजी लाल, तेजधारी यादव पूर्व जिला पंचायत सदस्य, प्रधान,उधम सिंह यादव प्रधान,श्रवण कुमार पूर्व प्रधान मदन मोहन इत्यादि द्वारा विभागीय अधिकारियों समेत समाचार पत्रों के माध्यम से दर्जनों बार अवगत कराया गया, परंतु इस पर कोई पहल नहीं की गई। इस सम्बंध में माननीय जिला अधिकारी महोदय सोनभद्र का ध्यान आकृष्ट कराने की मांग की गई।
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