त्याग व समर्पण के प्रतिमूर्ति थे ब्राह्मण सुदामा

बभनी/सोनभद्र (अरुण पांडेय)

हवन व मंत्रोच्चार के साथ सात दिवसीय कथा का समापन।

बभनी। क्षेत्र के मुख्य बाजार में स्थित शिव मंदिर में चल रहे सात दिवसीय कथा का समापन किया गया। सोमवार को मंत्रोच्चार के साथ विधि-विधान से परम्परागत तरीके से सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान गंगा यज्ञ का समापन हुआ।आज कलश विसर्जन किया जाएगा मुख्य यजमान कन्हैया लाल गुप्ता पत्नी सुनीता देवी सात दिवसीय ज्ञान गंगा यज्ञ के मुख्य यजमान रहे। अयोध्या धाम से आए कथा वाचक उद्धव शरणजी महाराज ने कथा के अंतिम दिन के प्रसंग में बताया

कि गरीब ब्राह्मण सुदामा त्याग तपस्या और समर्पण के प्रतिमूर्ति थे उनके जीवन अनेक प्रकार की परीक्षाएं हुईं किंतु वे ईश्वर के प्रति आस्था प्रेम विश्वास को नहीं छोंडे़ उनका लक्ष्य ईश्वर के प्रति विश्वास था अपने विश्वास को पाने के लिए उन्होंने सारे सांसारिक वैभवों का त्याग कर दिया सुदामा कृष्ण की भक्ति में इतने लीन रहा करते थे जो आम जनमानस को भी एक उदाहरण का प्रतीक है हर व्यक्ति को अपने लक्ष्य के प्रति दृढ़संकल्पित होना चाहिए और अपने मित्र व आराध्य के प्रति प्रेम व अटल दृढ़ विश्वास का होना अति आवश्यक होना चाहिए। यज्ञ समिति के आयोजक रविशंकर गुप्ता ने बताया कि आज कथा का समापन है कल कलश विसर्जन व भंडारे का आयोजन किया जाएगा। इस दौरान डॉ. हीरालाल, मिथिलेश कुमार, अरविंद जायसवाल, उपेंद्र कुमार, धर्मेन्द्र कुमार, सुभाष चन्द्र, आनंद गुप्ता, सुनील गुप्ता समेत अन्य लोग मौजूद रहे।

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