सोनभद्र(सर्वेश श्रीवास्तव)। एनटीपीसी सिंगरौली में चल रहे चार दिवसीय संभागीय नाट्य समारोह की कड़ी में दूसरे दिन मदर सेवा संस्थान, लखनऊ द्वारा प्रस्तुति का शीर्षक “ठग ठगे गए” था I जिसका निर्देशन महेश चन्द्र देवा ने किया तथा इस नाटक के लेखक सुशील कुमार सिंह ने गुरु और घंटोले के
माध्यम से अंधविश्वास और पाप पुण्य के वर्तमान समय की समसामयिक स्थिति को हास्य तथा संगीत के रस से समाज में पिरोने की कोशिश किया I इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि राजीव अकोटकर (परियोजना प्रमुख, एनटीपीसी सिंगरौली) रहे। यह नाट्य समारोह उत्तर प्रदेश संगीत एवं नाटक अकादमी, लखनऊ एवं एनटीपीसी सिंगरौली, सोनभद्र के सहयोग द्वारा 31 जनवरी से 03 फरवरी 2024 तक प्रतिदिन सायं 7बजे से एनटीपीसी सिंगरौली के सरस्वती सभागार, कर्मचारी विकास केंद्र मे आयोजित किया जा रहा है I मध्य
प्रदेश की लोक कथा पर आधारित इस नाटक द्वारा नाट्य कलाकारों ने अंधविश्वास और पाप पुण्य का झांसा देकर लोगों को ठगने वाले साधनों का भंडाफोड़ करते दिखाया है। नाटिका के माध्यम से दर्शाया गया की किस प्रकार धूर्त और मक्कार ठग आये दिन सीधे-सरल, भोले-भाले आम जनों को तरह-तरह के अंधविश्वासों, पाप-पुण्य, स्वर्ग-नर्क के चक्करों में उलझा कर उन्हें लूटते हैं, और अपना उल्लू सीधा करतें हैंI इस लोकनाट्य में गुरु और घंटोले नाम के दो धूर्त ठग जो गुरु और चेले के रूप में जंगल में एक कुएँ के पास अपना अड्डा जमाये हर आने जाने वाले राहगीरों को राहू-केतू जैसे ग्रहों का भय दिखाकर तथा तरह-तरह के शातिर हथकंडे अपना कर लोगों के धन, गहने ,जेवर आदि लूट लिया करते थे। लेकिन एक दिन एक बुद्धिमान बहू ने इन ठगों की करतूतों को भाँपकर उनसे न केवल अपने सास, पति और खुद को लुटने से बचाया बल्कि अन्य मुसाफ़िरों को भी इनके चंगुल में फँसने से बचाकर लूटेरों को हीं लूट लिया। मदर सेवा संस्थान विगत 20 वर्षों से बाल रंगकर्म को लेकर बाल रंग कार्यशालाएँ करती आ रही है I इस कार्यक्रम में एनटीपीसी सिंगरौली के सभी विभाग के महाप्रबंधक गण, सिद्धार्थ मण्डल, विभागाध्यक्ष मानव संसाधन, पीयूषा अकोटकर, अध्यक्षा, वनिता समाज एवं वनिता समाज की सदस्याएँ तथा एनटीपीसी के तमाम कर्मचारी गण उपस्थित थे।